स्टार ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने साझा किया डिप्रेशन से जूझने का दर्द, कहा, 'चाहता था वर्ल्ड कप में मेरा हाथ टूट जाए'

Glenn Maxwell: ऑस्ट्रेलियाई स्टार ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने कहा है कि वह एक समय इतने डिप्रेशन में थे कि चाहते थे कि उनका हाथ ही टूट जाए

By अभिषेक पाण्डेय | Published: March 25, 2020 2:00 PM

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ठळक मुद्देऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने पिछले साल अक्टूबर में क्रिकेट से ब्रेक लिया थामैक्सवेल ने कहा कि वह चाहते थे कि पिछले साल वर्ल्ड कप में उनका हाथ टूट जाए

मानसिक रूप से थके ग्लेन मैक्सवेल पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के वर्ल्ड कप अभियान के दौरान चाहते थे कि उनका हाथ टूट जाए, ताकि उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट से ब्रेक मिल जाए। उस समय इस स्टार ऑलराउंडर को ये अहसास नहीं था कि वह एक हल्के अवसाद (डिप्रेशन) और चिंता से गुजर रहे हैं। 

31 वर्षीय इस ऑलराउंडर ने अब खुलासा किया है कि चीजों के एकदम खराब होने से पहले उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य ब्रेक ले लिया। पिछले साल अक्टूबर में मैक्सवेल ने मेंटल हेल्थ का हवाला देते हुए इंटरनेशनल क्रिकेट से ब्रेक लिया था।  

मैक्सवेल ने ऑर्डिनेरोली स्पीकिंग (Ordineroli Speaking) पॉडकास्ट से कहा, 'जब वह अंदर आए तो मैं जानता था कि वह (मार्श) परेशानी में थे और तुरंत ही मुझे उनके लिए बुरा लगा।' उन्होंने कहा, 'मैंने सोचा कि मुझे उम्मीद है कि वह ठीक हैं, और मैंने सोचा काश कि हमारी खबरें (मार्श के हाथ के टूटने का संदेह करते हुए) बदल जाएं।'

'मैं चाहता कि मार्श की जगह मेरा हाथ टूट जाए'

मैक्सवेल ने कहा, 'हम साथ में अस्पताल गए थे और हम दोनों ही वहां बैठे थे, हम दोनों ही अलग खबरों की उम्मीद कर रहे थे।' उन्होंने कहा, 'जब मुझे गेंद लगी, मैं गुस्से में था और मेरे अंदर का एक हिस्सा उम्मीद कर रहा था कि (मेरा हाथ) टूट गया हो।' उन्होंने कहा, 'मुझे लगा, अब बस, मुझे ब्रेक की की जरूरत है...मैं चीजों के बारे में सोच रहा था कि मैं उन्हें सही कर सकूं।' 

मैक्सवेल ने कहा, 'मुझे दूसरे लोगों पर नाराजगी थी और इसका कोई मतलब नहीं था, लेकिन मैं इस वर्ल्ड कप में बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से खुद पर नाराज था।' उन्होंने कहा, 'मैंने सोचा कि ये बचने का आसान रास्ता है, मुझे लगा कि किसी समय मुझे बाहर कर दिया जाएगा और मुझे लगा कि यही रास्ता है।'

मैक्सवेल वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के आखिरी दो मैचों में खेले, जिसमें इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 8 विकेट से मिली करारी हार भी शामिल है, लेकिन उनका निराशाजनक दौर जारी रहा। 

वह अक्टूबर में श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज में खेल से बाहर होने की सोच के साथ उतरे लेकिन बल्ले से कमाल कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैंने बहुत अच्छी बैटिंग की, 30 से कम गेंदों में 60 से ज्यादा रन बनाए (28 गेंदों में 68 रन)...लेकिन मुझे इसमें मजा नहीं आया।' मैक्सवेल ने कहा, 'आप एक इंटरनेशनल आक्रमण का सामना कर रहे हैं और इसका लुत्फ भी नहीं उठा रहे हैं।' 

मैक्सवेल ने फिंच से कहा, 'मुझे ब्रेक की जरूरत है'

मैक्सवेल ने कहा, मैं इसे ग्रुप को बताने वाला था, उन्हें पता भी नहीं था कि क्या हो रहा है, मैंने यहां तक कि (एरॉन) फिंची को भी नहीं बताया। मेरे साथ जो हो रहा था मैं उसके बारे में बताकर उनका ध्यान नही भटकाना चाहता था। मैं उनके (फिंच) पास गया और कहा, मेरा हो गया, मैं कुछ समय का ऑफ लेने जा रहा हूं, और उन्होंने कहा कि उन्होंने ध्यान दिया था कि कुछ हो रहा है। जब मैंने उन्हें बताया था तो उनकी प्रतिक्रिया ऐसी थी, 'बहादुरी भरा निर्णय।' 

हालांकि ये फैसला लेने के बाद मैक्सवेल खुद को रोक नहीं सके और फूट-फूटकर रो पड़े।

मैक्सवेल ने कहा, 'जब सब चल गए, मैं रो पड़ा। ये वर्ल्ड कप के बाद पहली बार था जब मैंने अपना इमोशन दिखाया था...अगले दो-तीन दिन अगले छह महीने में मेरे सबसे खराब दिनों में से एक थे। समर्थन जितना शानदार था, उतना ही संघर्ष से भरा भी थी...मैं अपने एक छोटे से दायरे में सिमट जाना चाहता था और उससे बाहर नहीं आना चाहता था। मुझे लगा कि मैं कई लोगों को निराश कर रहा हूं, मुझे लगा कि मैंने आसान रास्ता चुना है, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूं।'

मैक्सवेल ने इसके बाद बिग बैश लीग से वापसी की और मेलबर्न स्टार्स के कप्तान नियुक्त किए गए। इस स्टार क्रिकेटर ने कहा कि अब वह चीजों को बेहतर ढंर से संभाल रहे हैं और हाल ही में उन्होंने भारतीय मूल की अपनी गर्लफ्रेंड विनी रमन से सगाई की है।

टॅग्स :ग्लेन मैक्सेवलऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम

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