ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर का बयान, 'भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज में हार मेरे कोचिंग करियर का सबसे खराब पल'

Justin Langer: ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर ने खुलासा किया है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम की पिछले साल अपनी घरेलू सरजमीं पर टीम इंडिया के हाथों टेस्ट सीरीज में मिली हार उनके कोचिंग करियर का सबसे निराशाजनक पल थी

By भाषा | Published: April 11, 2020 12:35 PM2020-04-11T12:35:12+5:302020-04-11T12:45:54+5:30

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भारत के हाथों अपनी धरती पर हार को जस्टिन लैंगर ने बताया कोचिंग करियर का सबसे खराब पल

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सिडनी: भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज मे मिली अभूतपूर्व हार ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर के लिये ‘खतरे की घंटी’ रही और उनका मानना है कि वह श्रृंखला उनके कोचिंग करियर का निर्णायक दौर भी रही।

लैंगर को मई 2018 में ऑस्ट्रेलिया का कोच बनाया गया था। उसी समय कप्तान स्टीव स्मिथ और उपकप्तान जस्टिन लैंगर गेंद से छेड़खानी मामले में प्रतिबंधित हो गए थे। अपने स्टार बल्लेबाजों के बिना ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के सामने टिक नहीं सकी।

लैंगर ने ऑस्ट्रेलियाई एसोसिएट प्रेस को एक पॉडकास्ट में कहा,‘‘यह खतरे की घंटी थी और मेरे जीवन का कठिन दौर।’’ उन्होंने कहा,‘‘मुझे इसमें कोई शक नहीं कि दस साल बाद जब मैं अपने कोचिंग करियर की समीक्षा करूंगा तो वह श्रृंखला निर्णायिक साबित होगी।’’ उन्होंने अपने करियर के एक और कठिन दौर का जिक्र किया जब 2001 एशेज श्रृंखला में उन्हें टीम से निकाल दिया गया था। 

उससे पहले नंबर तीन पर खेलने वाले लैंगर को उस सीरीज में बाद में मैथ्यू हेडेन के साथ पारी की शुरुआत के लिए चुना गया, जो उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। 

इससे लैंगर का करियर बदल गया और वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे कामयाब ओपनरों में से एक बन गए और अपने कुल 23 में 16 शतक ओपनर के तौर पर बनाए।

उन्होंने कहा, '2001 में मुझे 31 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियाई टीम से बाहर कर दिया गया और मुझे लगा कि ये मेरे करियर का अंत है। ये एक क्रिकेटर और व्यक्ति के तौर पर मेरे बनने की शुरुआत थी। ये मुश्किल परिस्थिति में सीखने के लिए एक शानदार सीख थी।'

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