नई दिल्ली, 23 अगस्त: इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी दो टेस्ट के लिए भारतीय टीम में दो नए चेहरों पृथ्वी शॉ और हनुमा विहारी को शामिल किया गया है। हनुमा विहारी के चयन ने इस 24 वर्षीय युवा खिलाड़ी के लिए अवसर के नए द्वार खोल दिए हैं। आईपीएल में काफी कम खेलने वाले इस खिलाड़ी के बारे में बहुत कम लोगों को पता होगा। लेकिन विहारी को घरेलू क्रिकेट और भारत-ए के लिए दमदार प्रदर्शन का इनाम टेस्ट टीम में चयन के रूप में मिला है।
हनुमा विहारी हाल में इंग्लैंड के दौरे पर गई भारत-ए टीम का हिस्सा थे। वह इस दौरे पर विहारी ने लिस्ट ए के चार मैचों में एक शतक की मदद से 291 रन बनाए। हालांकि प्रथम श्रेणी मैचों में वह सिर्फ एक अर्धशतक लगा पाए लेकिन इसकी कमी उन्होंने दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ घरेलू सीरीज से पूरी की और अर्धशतक के बाद 148 रन की जोरदार पारी से चयन के लिए अपना मजबूत दावा ठोका।
विहारी 2012 में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीतने वाली अंडर-19 टीम का हिस्सा थे। लेकिन वह उस वर्ल्ड कप में अपनी छाप छोड़ पाने में नाकाम रहे थे और 6 पारियों में 11.83 की खराब औसत से 71 रन ही बना सके थे।
हनुमा विहारी ने नवंबर 2010 में हैदराबाद के लिए झारखंड के खिलाफ अपना डेब्यू किया था। लेकिन विहारी ने 2016 में अपने जन्मदाता प्रदेश आंध्र प्रदेश लौटने का फैसला किया। उनका ये फैसला सुपरहिट साबित हुआ और उन्होंने इस सीजन में 15 पारियों में 57.33 की औसत से 688 रन बनाए। विहारी का जलवा अगले सीजन में भी कायम रहा और उन्होंने 10 पारियों में 752 रन बनाते हुए रणजी ट्रॉफी के पांचवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
हनुमा विहारी उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिसने नियमित तौर पर आईपीएल में न खेलने के बावजूद भारतीय टीम में जगह बनाई है। विहारी आईपीएल में सनराइर्ज हैदराबाद के लिए खेले हैं और 22 मैचों में 280 रन बनाए हैं।
हनुमा विहारी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब तक 63 मैचों में 15 शतकों और 24 अर्धशतकों की मदद से 59.79 की औसत से 5142 रन बना चुके हैं।