दिल्ली की एक अदालत ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदारों से कथित तौर पर धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में लगातार समन भेजने के बावजूद पेश नहीं होने पर बुधवार को पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। अब टीम इंडिया के इस पूर्व खिलाड़ी ने ट्वीट कर अपनी सफाई दी है और गुरुवार देर रात पांच ट्वीट किए।
गंभीर ने अपनी सफाई में लिखा, 'कल शाम से मीडिया में रिपोर्ट्स थीं कि मेरे खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ है, क्योंकि मैं कोर्ट में उपस्थित नहीं रहा था। मैं सफाई देना चाहता हूं कि कोर्ट की सुनवाई और मेरा कार्यक्रम आपस में शायद टकरा गए थे। जिसमें दिल्ली रणजी टीम या अन्य पेशेवर जिम्मेदारियां शामिल थीं।
उन्होंने अगले दो ट्वीट में लिखा, 'मेरे वकील हमेशा कोर्ट में मेरा पक्ष रखने के लिए मौजूद थे, क्योंकि मैं कानून व कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेशों का पालन करने के लिए हमेशा तैयार हूं। इसके अलावा मैं ये बात भी साफ करना चाहता हूं कि मैं सिर्फ इस कंपनी रुद्रा बिल्डवेल रिएलिटी प्राइवेट लिमिटेड का ब्रैंड एमबेस्ड था और कुछ समय के लिए एडिशनल डायरेक्टर। शायद उसी गलती को अब मैं भुगत रहा हूं। शायद पब्लिसिटी पाने के इच्छुक कुछ लोगों ने इस खबर को बढ़ा-चढ़ा दिया।'
इसके आगे गंभीर ने लिखा, 'शिकायत के मुताबिक भी जो कुछ गलत हुआ है वो शिकायत कंपनी और उसके प्रमोटर- मुकेश खुराना और उनकी पत्नी बबिता खुराना को लेकर हैं जिनको घर खरीदने वाले लोगों से पैसा मिला था।'
इसके बाद गंभीर ने अपने आखिरी ट्वीट में लिखा, 'वो लोग क्या करते हैं और उन्होंने घर खरीदने वालों का वादा क्यों नहीं पूरा किया उस पर मेरा नियंत्रण नहीं है। उन उपभोक्ताओं के साथ मेरी सहानुभूति हमेशा थी और रहेगी जिन्होंने इन फ्लैट्स को खरीदने के लिए निवेश किया था। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मैं उनके लिए जो कुछ कर सकता हूं, वो करूंगा।'
दरअसल, गौतम गंभीर रियल इस्टेट कंपनी रुद्रा बिल्डवेल रिएलिटी प्राइवेट लिमिटेड के ब्रैंड एम्बेस्डर हैं। कंपनी ने गंभीर के नाम का इस्तेमाल करते हुए लोगों को अपने प्रोजेक्ट की ओर लुभाया।
17 फ्लैट खरीदारों ने आरोप लगाया कि उन्होंने 2011 में गाजियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र में एक आने वाले एक प्रोजेक्ट में फ्लैटों की बुकिंग के वास्ते 1.98 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन यह प्रोजेक्ट कभी शुरू नहीं हुआ।
इसके बाद यह मामला कोर्ट पहुंचा और 2016 में मामला दर्ज कराया गया। इस मामले में लगातार समन भेजने के बावजूद पेश नहीं होने पर बुधवार को पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया।