महानतम क्रिकेटर ब्रायन लारा का खुलासा, कहा- वर्ल्ड रिकॉर्ड के चलते निराशा से घिर गया था

‘‘मेरे अंतरराष्ट्रीय कैरियर से शुरुआत (1989) से 1995 तक कैरियर ग्राफ ऊपर की तरफ ही गया। लेकिन 1995 से 1998 के बीच प्रदर्शन गिरा।"YD

By भाषा | Published: December 06, 2019 3:39 PM

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मानसिक स्वास्थ्य के मसलों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वास्तविक बताते हुए वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने शुक्रवार को खुलासा किया कि अपने कैरियर के चरम पर उन्होंने ‘निराशा का सामना’ करना पड़ा था। लारा के नाम प्रथम श्रेणी और टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड है। टेस्ट क्रिकेट में दो बार (1994 और 2004) में रिकार्ड उनके नाम हो चुका है। 

लारा ने कहा, ‘‘मेरे अंतरराष्ट्रीय कैरियर से शुरुआत (1989) से 1995 तक कैरियर ग्राफ ऊपर की तरफ ही गया, लेकिन 1995 से 1998 के बीच प्रदर्शन गिरा। मुझे दोहरे विश्व रिकॉर्ड अपने नाम होने का दबाव महसूस हुआ और उस समय कैरेबियाई क्रिकेट टीम का प्रदर्शन भी खराब था।’’ 

एक चैरिटी कार्यक्रम के लिये आये कैरेबियाई दिग्गज ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि मैं अपने कमरे में निराशा से घिरा बैठा रहता था। मानसिक स्वास्थ्य का मसला वास्तविक है। सभी खेलों में यह होता है और अब खिलाड़ी इस पर बात करने लगे हैं।’’ 

हाल ही में हरफनमौला ग्लेन मैक्सवेल समेत ऑस्ट्रेलिया के कुछ क्रिकेटरों ने मानसिक स्वास्थ्य कारणों से क्रिकेट से ब्रेक लिया था। लारा ने कहा, ‘‘आजकल खिलाड़ी इतने तरह के दबाव में हैं। सत्तर और अस्सी के दशक में खेल से प्यार के चलते देश के लिये खेलते थे। अब इतना फ्रेंचाइजी क्रिकेट हो रहा है और कई बार इतनी व्यस्तता बोझ बन जाती है। मानसिक रूप से थकाऊ होता है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।’’ 

वेस्टइंडीज टीम के बारे में उन्होंने कहा कि कीरोन पोलार्ड की अगुवाई वाली टीम को भारत के खिलाफ वनडे श्रृंखला से बेहतर टीम के रूप में लौटना चाहिये, भले ही वह जीतने में नाकाम रहे। वेस्टइंडीज और भारत के बीच तीन टी20 और तीन वनडे मैचों की श्रृंखला शुक्रवार से हैदराबाद में शुरू होगी। लारा ने कहा, ‘‘पोलार्ड को टीम बनानी होगी। भारत में खेलना हमेशा कठिन चुनौती होता है। भले ही जीत मिले या नहीं लेकिन उन्हें टूर्नामेंट के बाद बेहतर टीम के रूप में लौटना चाहिये।’’ 

लारा ने सीमित ओवरों के प्रारूप में पोलार्ड को कप्तान बनाये जाने का समर्थन किया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘वेस्टइंडीज के लिये भले ही वह इतना नहीं खेले हों लेकिन दुनिया भर में लीग खेले हैं। विरोधी उनका सम्मान करते हैं। उसे कप्तान बनाने का फैसला बुरा नहीं है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘साथी खिलाड़ी भी उसका काफी सम्मान करते हैं। अगले 12 महीने के भीतर टी20 विश्व कप होना है और उसके पास अपार अनुभव है। यह अच्छा फैसला है लेकिन उसके सामने चुनौती आसान नहीं है। वेस्टइंडीज दो बार टी20 विश्व कप जीत चुका है और इस प्रारूप में टीमें उससे खौफ खाती हैं।’’

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