कौन हैं फारुख इंजीनियर और क्लाइव लॉयड?, ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर नाम के स्टैंड होंगे

England vs India, 4th Test 2025:वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान लॉयर्ड लगभग दो दशक तक क्लब के साथ रहे और क्लब के इतिहास में बहुमूल्य योगदान दिया।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 21, 2025 15:55 IST2025-07-21T15:54:56+5:302025-07-21T15:55:48+5:30

England vs India, 4th Test 2025 Who Farokh Engineer and Clive Lloyd stands named Old Trafford ground Lancashire honour | कौन हैं फारुख इंजीनियर और क्लाइव लॉयड?, ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर नाम के स्टैंड होंगे

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Highlightsस्टैंड के नाम रखने का फैसला किया है। 23 जुलाई के शुरू हो रहे टेस्ट मैच के पहले दिन होगा।पांच मैच की श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा है।

England vs India, 4th Test 2025: भारत और इंग्लैंड के बीच यहां प्रतिष्ठित ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर होने वाले चौथे टेस्ट के इतर पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर और वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी क्लाइव लॉयड के नाम स्टैंड (दर्शक दीर्घा) को दिए जाएंगे। इंजीनियर और लॉयर्ड की पूर्व काउंटी टीम लंकाशर ने इन दोनों के नाम पर स्टैंड के नाम रखने का फैसला किया है। इंजीनियर लगभग एक दशक तक लंकाशर की ओर से खेले जबकि वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान लॉयर्ड लगभग दो दशक तक क्लब के साथ रहे और क्लब के इतिहास में बहुमूल्य योगदान दिया।

सूत्रों ने बताया कि स्टेडियम के नामकरण का समारोह 23 जुलाई के शुरू हो रहे टेस्ट मैच के पहले दिन होगा। इंग्लैंड बेहद कड़े मुकाबलों के बाद पांच मैच की श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा है। सूत्र ने कहा, ‘‘यह क्लब के दोनों दिग्गजों के लिए उचित सम्मान है।’’ वर्ष 1968 से 1976 के बीच 87 वर्षीय इंजीनियर ने 175 मैचों में लंकाशर के लिए 5942 रन बनाए, 429 कैच लिए और 35 स्टंपिंग की।

दूसरी ओर दो बार विश्व कप जीतने वाली वेस्टइंडीज की टीम के कप्तान लॉयड ने 1970 के दशक की शुरुआत में एक विदेशी खिलाड़ी के रूप में आने के बाद क्लब की किस्मत बदल दी। जब मुंबई में जन्मे इंजीनियर ने लंकाशर के लिए पदार्पण किया तो क्लब ने 15 साल से अधिक समय तक कोई बड़ा खिताब नहीं जीता था।

लेकिन उन्होंने 1970 से 1975 के बीच चार बार जिलेट कप जीतने में टीम की मदद की। दिलचस्प बात यह है कि इंजीनियर ने अपना अधिकतर क्रिकेट ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेला लेकिन वहां उनके नाम पर कोई स्टैंड नहीं है। इंजीनियर ने कुछ साल पहले क्लब की वेबसाइट से कहा था, ‘‘वह अविश्वसनीय समय था और ओल्ड ट्रैफर्ड एक शानदार जगह थी।

लोग हमें खेलते देखने के लिए मीलों दूर से आते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ओल्ड ट्रैफर्ड के ड्रेसिंग रूम से हम वारविक रोड रेलवे स्टेशन देख सकते थे और मैच से पहले हम खचाखच भरी ट्रेनों को प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को उतारते हुए देखते थे। हम नारे लगाते, बातें करते और हंसी-मजाक करते लोगों को सुन सकते थे।’’

इंजीनियर को अपने सुनहरे दिनों में प्रशंसकों से मिले पत्र भी याद हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह शानदार था, हमारे लॉकर ऑटोग्राफ के आग्रह और पार्टियों के निमंत्रण से भरे रहते थे। इंग्लैंड में हर कोई उस महान टीम के बारे में बात कर रहा था जिसमें क्लाइव लॉयड, हैरी पिलिंग, पीटर लीवर और केन शटलवर्थ जैसे नाम थे।’’

संन्यास लेने के बाद इंजीनियर ने मैनचेस्टर को अपना घर बना लिया और आज तक यहीं रहते हैं। यहां निजी दौरे पर आए पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर के भी क्लब के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समारोह में शामिल होने की उम्मीद है।

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