England vs India, 2025: शोएब बशीर पर चौके-छक्के मार सकते थे रविंद्र जडेजा?, अनिल कुंबले बोले-जोखिम उठाकर आक्रामक शॉट क्यों नहीं खेले

England vs India, 2025: हरफनमौला रविंद्र जडेजा को स्पिनर शोएब बशीर के खिलाफ मोहम्मद सिराज को स्ट्राइक देने की जगह खुद जोखिम उठाकर आक्रामक शॉट खेलना चाहिए था।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 15, 2025 17:45 IST2025-07-15T17:44:41+5:302025-07-15T17:45:36+5:30

England vs India, 2025 Ravindra Jadeja hit fours sixes Shoaib Bashir Anil Kumble said why didn't take risk play aggressive shots | England vs India, 2025: शोएब बशीर पर चौके-छक्के मार सकते थे रविंद्र जडेजा?, अनिल कुंबले बोले-जोखिम उठाकर आक्रामक शॉट क्यों नहीं खेले

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Highlightsपुछल्ले बल्लेबाजों के संघर्ष से भारत मैच में वापसी करने में काफी हद तक सफल रहा।भारतीय टीम को 12 रन से हार का सामना करना पड़ा था।।पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया टेस्ट मैच याद आ गया, जिसमें हम 12 रन से हार गये थे।

England vs India, 2025: भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय हरफनमौला रविंद्र जडेजा को स्पिनर शोएब बशीर के खिलाफ मोहम्मद सिराज को स्ट्राइक देने की जगह खुद जोखिम उठाकर आक्रामक शॉट खेलना चाहिए था।

जडेजा के साथ पुछल्ले बल्लेबाजों के संघर्ष से भारत मैच में वापसी करने में काफी हद तक सफल रहा लेकिन उसे 22 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा। कुंबले को इस मैच ने चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट की याद दिला दी जिसमें सचिन तेंदुलकर ने पीठ दर्द के बावजूद 136 रन की पारी खेली लेकिन भारतीय टीम को 12 रन से हार का सामना करना पड़ा था।

उस मैच में ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक द्वारा जवागल श्रीनाथ का आउट होना सोमवार को सिराज के स्टंप्स की गिल्लियों को गिराने वाली गेंद के समान था। चेन्नई में जनवरी 1999 में खेले गये उस टेस्ट मैच में टीम का हिस्सा रहे कुंबले ने ‘जियोहॉटस्टार’ पर कहा, ‘‘ मुझे इस मैच को देखकर चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया टेस्ट मैच याद आ गया, जिसमें हम 12 रन से हार गये थे।

(सिराज का आउट होना) कुछ वैसा ही था। टीम लक्ष्य से सिर्फ 22 रन दूर थी। जडेजा एक छोर पर बस खड़े रहे। मेरा मतलब है, वह भारत को जीत के इतने करीब लाने की योजना में सफल रहे लेकिन इंग्लैंड ने कोई ढिलाई नहीं बरती।’’ जडेजा ज्यादातर ओवर की चौथी या पांचवीं गेंद पर एक रन चुरा रहे थे, लेकिन कुंबले का मानना है कि उन्हें कम गति के गेंदबाजों के खिलाफ जोखिम उठाना चाहिए था।

कुंबले ने कहा, ‘‘उन्हें उन गेंदबाजों का चयन करना चाहिये थे जिसके खिलाफ वह आक्रामक रूख अपना सकते थे। क्रिस वोक्स , जो रूट और बशीर ऐसे गेंदबाज थे। बशीर और रूट भले ही ऑफ स्पिनर है लेकिन उनकी गेंद बहुत ज्यादा टर्न नहीं ले रही थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अगर किसी को जोखिम उठाना था तो वह जडेजा ही थे जिन्हें ऐसा करना चाहिये था।

उन्होंने बुमराह और सिराज के साथ बल्लेबाजी के दौरान अपने पास ज्यादा स्ट्राइक रखकर अच्छा काम किया लेकिन सिराज को बशीर का पूरा ओवर खेलने के लिए देना जोखिम भरा था। उन्हें इसकी जगह खुद ही आक्रामक रुख अपनाना चाहिये थे।’’ कुंबले ने जडेजा की नाबाद 61 रन की जुझारू पारी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जीत के लिए 193 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को 170 रन पहुंचा कर लगभग चमत्कार कर दिया था। कुंबले ने कहा, ‘‘वह पूरे समय बेहतरीन रहे। वह दिन के छठे ओवर में ही बल्लेबाजी के लिए आ गये थे और आखिर तक नाबाद रहे।

बुमराह और सिराज के साथ 82 पर 7 विकेट गिरने के बाद स्कोर को दोगुना करना अविश्वसनीय है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी बल्लेबाजी देखकर टीम के अन्य बल्लेबाज खुद के प्रदर्शन से निराश होंगे। भारत को दोनों पारियों में लगभग 65 अतिरिक्त रन देना भी भारी पड़ा। यह चर्चा का एक बड़ा विषय होगा।’’

कुंबले ने कहा कि जोफ्रा आर्चर की गेंद कंधे पर लगने से सिराज थोड़े असहज हो गये और उनका ध्यान थोड़ा भंग हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘ सिराज की गेंदबाजों पर हावी होने की कोई योजना नहीं थी लेकिन उनके आस-पास क्षेत्ररक्षकों के जमावड़े से वह थोड़े दबाव में आ गये। मुझे लगा कि यह एक ऐतिहासिक जीत हासिल करने का शानदार मौका था।’’

कुंबले ने लॉर्ड्स टेस्ट को ‘टेस्ट क्रिकेट का शानदार प्रचार’ करार दिया। उन्होंने आगे कहा, ‘‘तीनों टेस्ट मैच बेहद रोमांचक रहे और दोनों टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया। इंग्लैंड की टीम श्रृंखला में 2-1 से आगे है लेकिन अगर आप हर सत्र के प्रदर्शन को देखें तो यह बराबरी मुकाबला रहा है।’’ 

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