Highlightsभारतीय गेंदबाजों ने 49 पारियों में 39 बार विरोधी टीम को ऑलआउट किया हैऑलआउट करने के मामले में दूसरे नंबर हैं भारतीय गेंदबाजइस लिस्ट में पहले नंबर पर दक्षिण अफ्रीका है
नई दिल्ली: पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट टीम आलोचकों के निशाने पर है। पहले ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्वकप में खराब प्रदर्शन और हाल ही में बंग्लादेश में हुई वनडे सीरीज में हार के बाद टीम इंडिया की खूब किरकिरी हुई। बंग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी टीम इंडिया ने किसी तरह इज्जत ही बचाई। खराब प्रदर्शन के कारण बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाज भी निशाने पर रहे। लेकिन अगर आंकड़ों की बात करें तो ये कुछ और कहानी बयां करते हैं। बीते दो सालों में भारतीय गेंदबाजों के आंकड़े बल्लेबाजों से काफी बेहतर हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
कहते हैं आंकड़े झूठ नहीं बोलते और अगर आंकड़ों की बात की जाए तो 2020 से अब तक भारतीय गेंदबाजों ने टेस्ट मैचों की कुल 49 पारियों में गेंदबाजी की है। इन 49 पारियों में भारतीय गेंदबाजों ने 39 बार विरोधी टीम को ऑलआउट किया है। 49 पारियों में विरोधी टीमों को 39 बार ऑलआउट करना कोई साधारण या आसान बात नहीं है। अगर भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन को प्रतिशत के नजरिये से देखें तो हमारे गेंदबाजों ने विरोधियों को 81.25% बार ऑलआउट किया है।
आंकड़ों के हिसाब से टेस्ट खेलने वाले देशों में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन दूसरा सबसे बेहतर प्रदर्शन है। इस मामले में दक्षिण अफ्रीका का पहले नंबर पर है। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने पिछले तीन सालों में कुल 83.78% बार विरोधी टीम को ऑल-आउट किया है। हालांकि दक्षिण अफ्रीका ने मैच कम खेले हैं और उन्होंने कुल 37 पारियों में विरोधी टीम को 31 बार ऑलआउट किया है।
अगर बाकी टीमों की बात करें तो इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया है। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने 35 पारियों में 28 बार विरोधी टीम को ऑल-आउट किया है और उनका प्रतिशत 79.73 का रहा है। ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ इंग्लैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, बंगलादेश, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसी टीमें भारत से पीछे हैं।
इन आंकड़ों को देखने के बाद एक बात तो साफ है कि भारतीय गेंदबाजों का टेस्ट मैचों में प्रदर्शन उतना भी बुरा नहीं है जितना बताया जा रहा है। हालांकि यदि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतना है तो बल्लेबाजों और गेंदबाजों को अपना प्रदर्शन और बेहतर करना होगा।