पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया का इंटरनेशनल करियर 2010 में इंग्लैंड में सामने आए स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल के बाद से पटरी पर नहीं आ पाया। इसके बाद से ही पीसीबी ने उन्हें किनारे कर रखा है जबकि ऐसे ही मामलों में दोषी पाए गए सलमान पट प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी कर चुके हैं और मोहम्मद आमिर सीमित ओवरों की टीम का अहम हिस्सा हैं।
यही वजह है कि कनेरिया अक्सर पीसीबी की आलोचना करते हुए अपना बैन हटाने की मांग करते रहते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी बार 2010 में खेलने वाले 39 वर्षीय कनेरिया ने बैन हटने के बाद अपनी योजनाओं का खुलासा किया है।
दानिश कनेरिया ने किया आजीवन बैन हटने के बाद अपनी योजनाओं का खुलासा
कनेरिया ने एएनएई को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह पाकिस्तान में अच्छे स्पिनरों की संख्या घटती जा रही है, वह उन्हें आगे लाने में अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, पाकिस्तान में स्पिनरों की संख्या घटती जा रही है। इसलिए मैं अपना नाम साफ करके (स्पॉट फिक्सिंग के दाग से) लेकर देश के स्पिनरों की मदद करना चाहता हूं। मैं उनका करियर चमकाने और पाकिस्तान को एक बार फिर से अच्छा लेग स्पिनर देना चाहूंगा
पूर्व लेग स्पिनर ने कहा, 'पीसीबी को इस बारे में सच में सोचना चाहिए। मैं पीसीबी से निवेदन करूंगा कि वे अपने सेटअप में और पूर्व क्रिकेटरों को शामिल करें जिन्होंने पाकिस्तान के लिए कम से कम 30-40 टेस्ट खेले हों। ये पूर्व खिलाड़ी अकादमियों में मदद कर सकते हैं और उभरती हुई प्रतिभाओं को चमकाने में मदद कर सकते हैं। क्रिकेटर्स को मौका दें। हाल ही में पीसीबी ने सकलैन मुश्ताक को इंटरनेशनल प्लेयर डेवलेपमेंट का हेड बनाया है। ये बहुत अच्छा संकेत हैं। सकलैन बहुत अनुभवी हैं और वह खिलाड़ियों की मदद करेंगे।'
पाकिस्तान के लिए चौथे सर्वाधिक विकेट लेने वाले कनेरिया ने सौरव गांगुली के अगला आईसीसी अध्यक्ष बनने का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसा होने पर वह अपने आजीवन बैन के खिलाफ फिर से अपील करेंगे और उन्हें तब आईसीसी से सकारात्मक कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
इस लेग स्पिनर पर 2010 में इंग्लिश काउंटी एसेक्स के लिए खेलते हुए स्पॉट फिक्सिंग करने के मामले में आजीवन बैन लगा था।