डेल स्टेन दक्षिण अफ्रीका की ओर से टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गये हैं। स्टेन ने पाकिस्तान के खिलाफ सेंचुरियन में 26 दिसंबर से शुरू हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट में फखर जमान (12) का विकेट लेते हुए अपना 422वां शिकार किया। इस तरह स्टेन ने दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज शॉन पोलाक को पीछे छोड़ा।
डेल स्टेन ने ये कमाल अपने 89वें टेस्ट में किया। वहीं, शॉन पोलाक को 421 विकेट हासिल करने के लिए 108 मैच खेलने पड़े थे। दक्षिण अफ्रीका की ओर से टेस्ट में तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज मखाया एंटिनी हैं जिन्होंने अब तक 101 मैचों में 390 विकेट झटके हैं।
स्टेन का करियर चोट से काफी प्रभावित रहा है। इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 35 वर्षीय अपने 400वां टेस्ट विकेट 30 जुलाई 2015 को ही पूरा कर लिया था। इसके बाद उन्होंने ये 22 विकेट पूरा करने में 1245 दिनों का इंतजार करना पड़ा। पोलॉक ने अपना रिकॉर्ड टूटते ही डेल स्टेन को बधाई की। पोलॉक ने कहा, वह (स्टेन) आक्रमण के असल लीडर हैं और रिकॉर्ड के हकदार भी।'
दक्षिण अफ्रीका की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-5 बॉलर
डेल स्टेन 89 टेस्ट में 422* विकेट
शॉन पोलाक 108 टेस्ट में 421 विकेट
मखाया एंटिनी 101 टेस्ट में 390 विकेट
एलड डोनाल्ड 72 टेस्ट में 330 विकेट
मोर्ने मोर्कल 86 टेस्ट में 309 विकेट
वैसे डेल स्टेन टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में अभी 11वें नंबर पर हैं। इस लिस्ट में सबसे ऊपर श्रीलंका मुथैया मुरलीधरन हैं जिन्होंने 795 विकेट झटके हैं। दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न हैं। फास्ट बॉलर्स की लिस्ट में इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन सबसे ऊपर हैं।
टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज
मुथैया मुरलीधरन- 795 विकेट
शेन वॉर्न - 708 विकेट
अनिल कुंबले- 619 विकेट
जेम्स एंडरसन- 565 विकेट
ग्लेन मैकग्राथ- 563 विकेट
कॉर्टनी वॉल्श- 519 विकेट
कपिल देव- 434 विकेट
रंगना हेराथ- 433 विकेट
स्टुअर्ट ब्रॉड- 433 विकेट
रिचर्ड हेडली- 431 विकेट
डेल स्टेन- 422 विकेट
स्टेन के शॉन पोलाक के रिकॉर्ड को तोड़ने को लेकर काफी समय से बातें हो रही थीं। हालांकि, चोट के कारण स्टेन ने इसे तोड़ने में काफी वक्त लगा दिया। स्टेन ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के शुरू होने से पहले भी कहा था कि वे पिछले दो सालों रिकॉर्ड तोड़ने से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे हैं लेकिन फिलहाल उनका पूरा ध्यान केवल मैदान पर जाकर क्रिकेट खेलने को लेकर है।