न्यायालय ने अनधिकृत रूप से जल दोहन के लिये औद्योगिक इकाई पर एनजीटी के जुर्माने पर लगाई रोक

By भाषा | Published: November 03, 2020 6:37 PM

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नयी दिल्ली, तीन नवंबर उच्चतम न्यायालय ने नोएडा में अनधिकृत रूप से जल दोहन करने वाली एक औद्योगिक इकाई पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने अधिकरण के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर उत्तर प्रदेश सरकार, नोएडा प्राधिकरण और अन्य को नोटिस जारी किये।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाये। इस दौरान आदेश पर रोक लगी रहेगी।’’

शीर्ष अदालत राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के खिलाफ एडवांट नैविस बिजनेस पार्क की अपील पर सुनवाई कर रही थी।

अधिकरण ने अपने आदेश में कहा था कि जहां तक नोएडा गोल्फ कोर्स और एडवांट नैविस का संबंध है तो उनमें कोई वैध अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है।

अधिकरण ने कहा था कि नोएडा गोल्फ कोर्स और एडवांट नैविस को एक महीने के अंदर 25 लाख रुपए बतौर अंतरिम मुआवजा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के यहां जमा कराना होगा।

अधिकरण ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की समिति की रिपोर्ट का अवलोकन किया था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि गैरकानूनी तरीके से भूजल निकाला जा रहा है और बागवानी कार्यों के लिये निकाले जा रहे भूजल का दुरूपयोग निर्विवाद है।

अधिकरण ने कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या अनापत्ति प्रमाण पत्र की शर्तों का अनुपालन हो रहा है।

अधिकरण ने अपने पहले के निर्देशों का भी हवाला दिया कि भूजल का इस्तेमाल क्रिकेट मैदान और गोल्फ कोर्स जैसे स्थानों पर नहीं किया जायेगा।

अधिकरण ने कहा था कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अवैध तरीके से भूजल के दोहन के मामले में नुकसान का आकलन करने और मुआवजा वसूलने में विफल रहा है।

अधिकरण ने पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ की याचिका पर यह आदेश दिया था। विक्रांत ने आरोप लगाया था कि सेक्टर 43 में स्थित नोएडा गोल्फ कोर्स बगैर किसी वैध अनुमति के ही भूजल का दोहन कर रहा है।

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