Highlightsबीसीसीआई लंबे समय तक इनकार के बाद नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी के दायरे में आ गया हैअब नाडा द्वारा सभी क्रिकेटरों के सैंपल्स घरेलू टूर्नामेंट के दौरान एकत्र किए जा सकते हैंनाडा भारत में आईसीसी इवेंट्स के दौरान खिलाड़ियों के सैंपल नहीं एकत्र कर सकता
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) शुक्रवार को आखिरकार नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) के दायरे में आ गया। इससे पहले बीसीसीआई सालों से सरकारी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए नाडा के अंतर्गत आने से इनकार करता रहा था।
इस फैसले का ऐलान बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी, जनरल मैनेजर (क्रिकेट ऑपरेशंस) सबा करीम ने खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया और नाडा डायरेक्टर जनरल नवीन अग्रवाल के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद किया गया।
जुलानिया ने कहा कि बोर्ड ने लिखित में दिया है कि वह नाडा की डोपिंग निरोधक नीति का पालन करेगा। उन्होंने कहा, ‘अब सभी क्रिकेटरों का टेस्ट नाडा करेगा।’
हाल ही खेल मंत्रालय ने दक्षिण अफ्रीका ए और महिला टीमों के दौरों को मंजूरी रोक दी थी, जिसे बीसीसीआई पर नाडा के दायरे में आने के लिए दबाव डालने वाले कदम के तौर पर देखा जा रहा था।
बीसीसीआई के नाडा के दायरे में आने से कौन से नियम लागू होंगे
-नाडा द्वारा सभी क्रिकेटरों के सैंपल्स घरेलू टूर्नामेंट (जिनमें सभी उम्र समूह के इवेंट्स शामिल) के दौरान एकत्र किए जा सकते हैं।
-हालांकि, नाडा भारत के किसी भी द्विपक्षीय सीरीज के दौरान सैंप्ल्स नहीं ले सकता, जब तक कि इसके लिए शीर्ष संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से निर्देश न मिला हो। इन मैचों के दौरान शीर्ष संस्था सैंपल एकत्र करने के लिए अपने इंतजाम स्वीडन स्थित लैब इंटरनेशनल डोप टेस्ट ऐंड मैनेजमेंट (IDTM) की मदद ले सकता है या फिर आईसीसी नाडा को खिलाड़ियों के सैंपल्स लेने के लिए कह सकता है, लेकिन सिर्फ बीसीसीआई की अनुमति से।
-वहीं दूसरी तरफ वर्ल्ड ऐंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) आईसीसी को IDTM की जगह नाडा से सैंपल एकत्र करवाने के लिए कह सकता है।
-नाडा भारत में आईसीसी इवेंट्स के दौरान खिलाड़ियों के सैंपल नहीं एकत्र कर सकता।
-ये तय करने का अधिकार आईसीसी है कि वह खिलाड़ियों के टेस्ट IDTM से करवाए या नाडा से।
क्या नाडा आईपीएल के दौरान सैंपल एकत्र कर सकता है?
नाडा के पास घरेलू, इंटरनेशनल खिलाड़ियों का सैंपल एकत्र करने का अधिकार है। नाडा को आईपीएल के दौरान भी ऐसा करने का अधिकार होगा, क्योंकि ये बीसीसीआई का घरेलू इवेंट है।
बीसीसीआई क्यों है ह्वेरअबाउट्स (whereabouts) क्लॉज से चिंतित?
कई टॉप खिलाड़ियों का मानना है कि ह्वेरअबाउट्स (ठौर-ठिकाना) नियम से उनकी निजता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होगा। बीसीसीआई का कहना है कि इससे क्रिकेटरों की निजता का हनन हो सकता है।
इस नियम के मुताबिक, सभी खिलाड़ियों को नाडा के साथ उनके ठौर-ठिकाने की जानकारी साझा करना अनिवार्य है। हालांकि आईसीसी इवेंट्स और द्विपक्षीय सीरीज के दौरान ये नियम लागू नहीं होगा, जब तक कि आईसीसी नाडा को सैंपल्स एकत्र करने के लिए न कहे।
ह्वेरअबाउट्स नियम के मुताबिक, 'प्रत्येक एथलीट को घोषणा पत्र भरने की आवश्यकता होती है जिसमें उल्लेख किया जाता है कि जब वे खेल नहीं रहे हों तो आने वाले तीन महीनों तक वे प्रतिदिन एक घंटे के लिए नाडा के डोप नियंत्रण अधिकारी के पास आने नमूना संग्रह के लिए कहां होंगे।' अगर कोई खिलाड़ी निर्दिष्ट जगह और तारीख पर पहुंचने पर चूक जाता है तो उसे वाडा के नियमों के उल्लंघन के लिए बैन झेलना पड़ा सकता है, इसी नियम के उल्लंघन के लिए आंद्रे रसेल पर एक साल का बैन लग चुका है।
क्या बीसीसीआई अब आरटीआई के दायरे में आएगा?
नहीं, ऐसा तभी होगा जब बीसीसीआई नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन बनता है।
क्या बीसीसीआई अब नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन बन जाएगा?
नहीं, इसका सिर्फ यही मतलब है कि बीसीसीआई वाडा के 2015 कोड के दायरे में आ गया है।
क्या पृथ्वी शॉ के मामले की समीक्षा करेगा वाडा?
वाडा के मुताबिक, वह हमेशा की तरह इस (पृथ्वी शॉ) मामले की भी समीक्षा करेगा और सामान्य प्रक्रिया का पालन करेगा।