अयाज मेमन का कॉलम: क्रिकेट जगत को डीन जोन्स की कमी महसूस होगी

"डीन जोन्स से जुड़ी अनेक यादें हैं. हम वर्ष 1986 में पहली बार मिले थे. टाई रहे चेन्नई टेस्ट (भारत-ऑस्ट्रेलिया) की मैं रिपोर्टिंग कर रहा था."

By अयाज मेमन | Published: September 26, 2020 04:52 PM2020-09-26T16:52:03+5:302020-09-26T16:52:03+5:30

Ayaz memon column on fromer cricketer Dean Jones | अयाज मेमन का कॉलम: क्रिकेट जगत को डीन जोन्स की कमी महसूस होगी

अयाज मेमन का कॉलम: क्रिकेट जगत को डीन जोन्स की कमी महसूस होगी

googleNewsNext

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर डीन जोन्स के निधन की खबर से क्रिकेट जगत पर शोक की लहर दौड़ गई. आईपीएल कमेंट्री के लिए मुंबई आए डीन जोन्स को गुरुवार को दिल का दौरा पड़ा जिससे उनका निधन हो गया.

डीन जोन्स से जुड़ी अनेक यादें हैं. हम वर्ष 1986 में पहली बार मिले थे. टाई रहे चेन्नई टेस्ट (भारत-ऑस्ट्रेलिया) की मैं रिपोर्टिंग कर रहा था. उस मुकाबले में जोन्स ने 210 रन की द्विशतकीय पारी खेली थी. इसी पारी ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहचान दी. मजे की बात तो यह थी कि वह उस मैच के दौरान बीमार थे. उन्हें काफी उल्टियां हुई थीं. फिर भी उन्होंने जुझारू प्रदर्शन कर मुकाबले को ऐतिहासिक रूप से टाई समाप्त किया. सिंगल-डबल रन लेने के मामले में जोन्स का कोई जवाब नहीं था.

चेन्नई का उमस भरा मौसम और लगातार सिंगल्स और डबल्स आसान नहीं था. तत्कालीन टीम के कोच बॉब सिम्पसन ने भी उन्हें रिटायर्ड होकर पवेलियन लौटने की सलाह दी लेकिन जोन्स क्रीज पर डटे रहे और 210 रन की यादगार पारी खेलकर मुकाबले को टाई समाप्त किया. क्रिकेट इतिहास में यह दूसरा टाई टेस्ट था.

मुकाबले के बाद मैंने उनसे बातचीत की. मैंने उनसे पूछा कि आप बीमारी के बावजूद क्यों खेले? क्योंकि मैच के बाद उन्हें सलाइन चढ़ानी पड़ी थी. जोन्स ने कहा था, 'यदि मैंने मेहनत नहीं की तो टीम में मेरा स्थान पक्का कैसे रहेगा. इससे उनका खेल के प्रति समर्पण का पता चलता है. इसके बाद एलन बॉर्डर की विश्व विजेता टीम में भी उनकी भूमिका अहम रही. ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अनेक शानदार पारियां खेली. साथ ही वह वन-डे क्रिकेट में भी एक दिग्गज क्रिकेटर रहे. सिंगल्स चुराने की क्षमता के साथ-साथ आक्रामक बल्लेबाजी और चुस्त क्षेत्ररक्षण के चलते वही सीमित ओवर क्रिकेट के प्रारूप में सुर्खियां बटोरने में सफल रहे.

कमेंट्री के दौरान भी उनके साथ समय बिताने का मौका मिला. उनके पास क्रिकेट के ज्ञान का खजाना था. क्रिकेट जगत में उनके अनेक हितैषी थे. खासतौर से उपमहाद्वीप में उनके दोस्तों की लंबी फेहरिस्त है.

Open in app