Australia vs India, 4th Test Border-Gavaskar series: रविचंद्रन अश्विन के बाद कौन?, विराट कोहली, रोहित, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी की बारी, गौतम गंभीर करेंगे बदलाव

Australia vs India, 4th Test Border-Gavaskar series: कप्तान रोहित शर्मा पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए पर्थ में नहीं थे।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 22, 2024 19:32 IST2024-12-22T19:30:54+5:302024-12-22T19:32:08+5:30

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file photo

Highlightsविराट कोहली, रोहित, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी रह गए हैं। टीम में वापसी करना अब पहले जैसा आसान नहीं होगा।राहुल द्रविड़ के मुख्य कोच रहते हुए शुरू हो गया था।

Australia vs India, 4th Test Border-Gavaskar series: बदलाव के दौर में नई टीम तैयार करना कभी आसान नहीं होता और विशेष कर तब जबकि अपने करियर के अंतिम पड़ाव में चल रहे कुछ स्टार खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम का हिस्सा होंं। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी इसी सुविधा में फंसे हुए हैं। रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव की शुरुआत हो गई है। अश्विन ने भले ही यह फैसला स्वयं किया लेकिन भारतीय क्रिकेट की समझ रखने वाला कोई भी व्यक्ति यह कह सकता है कि वाशिंगटन सुंदर को उन पर प्राथमिकता देने के गंभीर के फैसले ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई। गंभीर ने यह फैसला तब लिया जबकि कप्तान रोहित शर्मा पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए पर्थ में नहीं थे।

अश्विन के संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम में अब चार बड़े खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी रह गए हैं। शमी वर्तमान श्रृंखला में नहीं खेल रहे हैं लेकिन उनके लिए टीम में वापसी करना अब पहले जैसा आसान नहीं होगा। बदलाव का यह दौर राहुल द्रविड़ के मुख्य कोच रहते हुए शुरू हो गया था लेकिन उनके सामने गंभीर जैसी चुनौती नहीं थी।

द्रविड़ ने इशांत शर्मा और रिदिमान साहा को बता दिया था कि अब टीम में उनके लिए जगह नहीं है। इशांत और साहा अनुभवी खिलाड़ी थे लेकिन वह कोहली, रोहित, जडेजा और शमी जैसे स्टार नहीं थे। अब निश्चित तौर पर सीनियर खिलाड़ियों पर नजर है विशेष कर रोहित और विराट पर जो वर्तमान में रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं।

गंभीर पर भी नजर रहेगी क्योंकि उनके मुख्य कोच बनने के बाद भारत ने जो आठ टेस्ट मैच खेले हैं उनमें से चार मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा जबकि उसने तीन मैच जीते और एक मैच ड्रॉ रहा। यह पूर्व सलामी बल्लेबाज इस तरह की शुरुआत की उम्मीद नहीं रहा था। बदलाव के इस दौर में भारतीय टीम और उसके मुख्य कोच के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। अगर भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाता है तो क्या गंभीर की मुख्य कोच के रूप में स्थिति अस्थिर हो जाएगी।

अभी इसका जवाब ना है। अगर भारत अगले साल के शुरू में चैंपियंस ट्रॉफी नहीं जीत पाता है तो क्या गंभीर की स्थिति अस्थिर हो जाएगी। इसका जवाब भी ना होगा। सबसे बड़ा सवाल आया है कि क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड गंभीर को अपनी टीम तैयार करने के लिए पूरी छूट देगा जिसमें जसप्रीत बुमराह टेस्ट टीम के संभावित कप्तान होंगे। अभी तुरंत नहीं ऐसा होगा लेकिन इसमें बहुत अधिक समय भी नहीं लगेगा। 

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