AFG vs NZ 2024: शामियाने का इस्तेमाल, इलेक्ट्रिक पंखे से सूखा रहे थे आउटफील्ड, डीडीसीए से ग्राउंड कवर उधार,  ग्रेटर नोएडा में बीसीसीआई की किरकिरी!, अफगानिस्तान-न्यूजीलैंड को झटका?

AFG vs NZ 2024: सोमवार को शाम को एक घंटे बूंदाबांदी को छोड़कर बारिश नहीं हुई लेकिन मंगलवार को खेल की शुरुआत पर असर पड़ा।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 10, 2024 19:17 IST2024-09-10T19:15:32+5:302024-09-10T19:17:50+5:30

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HighlightsAFG vs NZ 2024: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी हो रही है सो अलग। AFG vs NZ 2024: लगातार दूसरे दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी।AFG vs NZ 2024: खेल सुबह आधा घंटा पहले शुरू होना था।

AFG vs NZ 2024: आउटफील्ड ढकने के लिये शामियाने का इस्तेमाल, गीली आउटफील्ड सुखाने के लिये इलेक्ट्रिक पंखे, डीडीसीए से ग्राउंड कवर उधार और यूपीसीए से उधार पर सुपर सोपर लेने के बावजूद ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट में दूसरे दिन का खेल नहीं होने से काफी किरकिरी हुई है । शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में लगातार दूसरे दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी जिससे इस स्टेडियम पर प्रश्नचिन्ह लगे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी हो रही है सो अलग। दोनों टीमों के बीच पहली बार हो रहा टेस्ट सोमवार से शुरू होना था लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला देकर अंपायरों ने पहले दिन का खेल रद्द कर दिया। सोमवार को शाम को एक घंटे बूंदाबांदी को छोड़कर बारिश नहीं हुई लेकिन मंगलवार को खेल की शुरुआत पर असर पड़ा।

खेल सुबह आधा घंटा पहले शुरू होना था। आसमान साफ था लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मैदान को खेलने लायक नहीं बनाया जा सका । मैदानकर्मी अभ्यास परिसर से सूखी घास लाकर मिड आन और मिडविकेट क्षेत्र में लगाने की कोशिश कर रहे थे । आफ साइड में तीन टेबल फैन भी लगाये गए ताकि उसे सुखाया जा सके । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद थे जिनकी देखरेख में काम हो रहा था । अंपायरों ने तीन बार मुआयने के बाद दूसरे दिन का भी खेल रद्द कर दिया । स्टेडियम अधिकारियों के अनुसार मैदान में पांच सुपर सोपर (तीन स्वचलित) लगाये गए लेकिन काम नहीं बना ।

सूत्रों की माने तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) से दो सुपर सोपर मांगे थे जो मेरठ स्टेडियम से भेजे गए । दिन में विवाह में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक शामियाने का इस्तेमाल आउटफील्ड ढंकने के लिये किया गया और शाम को बरसाती लगाई गई । कोटला से डीडीसीए अधिकारियों ने आउटफील्ड कवर भेजे ।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास कुशल मैदानकर्मी भी नहीं थे जिसकी वजह से मजदूरों को काम पर लगाया गया । बीसीसीआई ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कानपुर, बेंगलुरू और ग्रेटर नोएडा के विकल्प दिये थे । एसीबी ने लॉजिस्टिक कारणों से ग्रेटर नोएडा को चुना ।

एसीबी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैनेजर मिन्हाज राज ने कहा ,‘‘ यह हमेशा से अफगानिस्तान का घरेलू मैदान रहा है । हम 2016 से यहां खेल रहे हैं । बारिश के कारण यह सब हुआ । हमने यहां स्थानीय टीम के खिलाफ तीन दिवसीय मैच भी खेला है जिसमें कोई मसला नहीं आया था ।’’ अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड यहां 11 सीमित ओवरों के मैचों की मेजबानी कर चुका है । इसके अलावा उन्होंने देहरादून में भी मैच खेले हैं । 

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