Highlightsहर्षा भोगले की क्रिकेट कमेंट्री का हर कोई फैन है।हर्षा भोगले पिछले तीन दशकों से क्रिकेट समीक्षा से जुड़े हैं।ल के ज्ञान और रुझान में कोई सानी नहीं हैं।
Lokmat DIA 2021: भारत क्रिकेट प्रेमियों का देश है। यहां घर-घर में क्रिकेट खेलने वाले लोग हैं, लेकिन भारत में क्रिकेट खेलने से भी ज्यादा बातचीत का विषय है, इसे हर वक्त महसूस किया जा सकता है। लेकिन ऐसे कुछ ही लोग हैं जिनसे क्रिकेट के बारे में बात करना, उन्हें सुनना सभी पसंद करते हैं ऐसा ही एक नाम है हर्षा भोगले।
हर्षा भोगले की क्रिकेट कमेंट्री का हर कोई फैन है। अपने अंदाज, खेल के प्रति ज्ञान और रुझान के चलते हर्षा भोगले को लोकमत द्वारा लोकमत बेस्ट स्पोर्ट्स इन्फ्लुएंसर अवॉर्ड 2021 से नवाजा गया। हर्षा भोगले पिछले तीन दशकों से क्रिकेट समीक्षा से जुड़े हैं।
वह ऑल इंडिया रेडियो से लेकर, ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन, बीबीसी, ईएसपीएन और स्टार स्पोर्ट्स जैसे कई प्रतिष्ठित चैनलों पर समीक्षक और 'स्टार कमेंट्रेटर' के तौर पर काम कर चुके हैं। एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलने के बावजूद भी हर्षा भोगले का क्रिकेट की समीक्षा करने में और इस खेल के ज्ञान और रुझान में कोई सानी नहीं हैं।
इसलिए दुनियाभर के क्रिकेट खिलाड़ी हर्षा भोगले की बातों को गौर से सुनते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाने वाले हर्षा भोगले हैदराबाद में एक मराठी परिवार में जन्मे हैं.. हर्षा भोगले का बचपन हैदराबाद में बीता. उनके पिता एडी भोगले प्रोफेसर थे, मां शालिनी भोगले मनोविज्ञान की प्रोफेसर थीं।
हैदराबाद पब्लिक स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। हर्षा भोगले को बचपन से ही क्रिकेट बहुत पसंद था।
भोगले ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत APCA से की थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने 19 साल की उम्र से ही ऑल इंडिया रेडियो पर कमेंट्री करना शुरू कर दिया। हर्षा भोगले की कमेंट्री को लोगों ने खूब पसंद किया, लेकिन 1992 के भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान हर्षा भोगले को असली पहचान मिली।
उस वक्त, भारतीय प्रसारकों ने विदेशी दौरे पर जाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, जिसके बाद हर्षा भोगले ने ऑस्ट्रेलिया ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के साथ समझौता किया। हर्षा भोगले एबीसी के साथ काम करने वाले पहले भारतीय कमेंट्रेटर बने। यहीं वो दौर था जब उनकी आवाज दुनिया तक पहुंची। हर्षा भोगले अब तक 500 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में कमेंट्री कर चुके हैं। इसमें लगभग 400 ODI, 100 टेस्ट और कई T20I मैच शामिल हैं।