आज ही के दिन भारत ने 2011 में 28 साल बाद जीता था वर्ल्ड कप, धोनी ने छक्के से दिलाई थी जीत

World Cup 2011: भारत ने आज ही के दिन 2011 में श्रीलंक को हराकर जीता था वर्ल्ड कप

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 2, 2018 07:27 AM2018-04-02T07:27:22+5:302018-04-02T07:27:22+5:30

India won world cup on 2nd April 2011 by beating Sri Lanka, Dhoni hit winning six | आज ही के दिन भारत ने 2011 में 28 साल बाद जीता था वर्ल्ड कप, धोनी ने छक्के से दिलाई थी जीत

भारत ने जीता था 2011 का वर्ल्ड कप

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जिस छक्के के बारे में महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने एक बार कहा था कि उनकी ख्वाहिश मरते समय वह छक्का देखकर आंख बंद करने की है, वह छक्का आज ही के दिन 2011 को वानखेड़े स्टेडियम में जड़ा गया था। इस छक्के ने भारतीय फैंस के 28 साल के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए उन्हें एक बार फिर से वर्ल्ड कप विजेता देश कहलाने का मौका दे दिया था। 

इस छक्के को जड़ा था, आधुनिक भारतीय क्रिकेट की नई परिभाषा गढ़ने वाले एमएस धोनी ने वर्ल्ड कप फाइनल 2011 में, श्रीलंका के खिलाफ और इस छक्के ने भारत को 1983 के बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप चैंपियन बना दिया था। श्रीलंका ने फाइनल में पहले बैटिंग करते हुए जयवर्धने के शतक की बदौलत 50 ओवर में 6 विकेट पर 274 रन बनाए, जिसके जवाब में गौतम गंभीर (97) और धोनी (91) के अर्धशतकों की बदौलत भारत ने जीत का लक्ष्य 10 गेंदें बाकी रहते ही 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया था। आइए जानें उस यादगार फाइनल की कहानी।

जयवर्धन के कमाल से श्रीलंका ने खड़ा किया सम्मानजनक स्कोर

2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े में खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया। श्रीलंका की  शुरुआत अच्छी नहीं रही और 60 के स्कोर तक दोनों ओपनर थरंगा (2) और दिलशान (33) पविलियन वापस लौट गए थे। लेकिन इसके बाद कप्तान संगकारा (48) और माहेला जयवर्धने (103) ने शतकीय पारियां खेलते हुए स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया। जयवर्धन ने एक ओर से गिरते विकेटों के बीच मोर्चा संभाला और 103 रन की नाबाद पारी खेलते हुए श्रीलंका का स्कोर 50 ओवर में 6 विकेट पर 274 रन पर पहुंचा दिया।

सचिन-सहवाग रहे थे फ्लॉप, मलिंगा ने झटके विकेट

275 रन के लक्ष्य के जवाब में भारत की शुरुआत खराब रही और स्टार ओपनर सहवाग और सचिन मलिंगा का 31 के स्कोर तक पविलियन लौट गए। सहवाग तो खाता भी नहीं खोल पाए जबकि सचिन 18 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद गौतम गंभीर और विराट कोहली ने मिलकर स्कोर 114 तक पहुंचाया। इसी स्कोर पर कोहली 35 रन बनाकर आउट हो गए। 

गंभीर और धोनी ने भारत को मुश्किल से बचाया

मंजिल अभी दूर थी और कुछ भी हो सकता था। लेकिन धोनी बैटिंग ऑर्डर में बदलाव करते हुए युवराज की जगह नंबर चार पर बैटिंग के लिए खुद उतरे और उसके बाद भारत ने मैच में पीछ मुड़कर नहीं देखा। धोनी और गंभीर ने मिलकर चौथे विकेट के लिए जोरदार साझेदारी करते हुए 109 रन जोड़े और स्कोर 223 तक पहुंचा दिया। गंभीर दुर्भाग्यशाली और 97 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन तब तक भारत काफी अच्छी स्थिति में पहुंच चुका था। 

धोनी ने छक्का जड़ते हुए दिलाई थी यादगार जीत

जीत की रही-सही कसर धोनी और युवराज ने पांचवें विकेट के लिए  54 रन की अविजित साझेदारी करते हुए पूरी कर दी। टीम इंडिया जब जीत से महज 4 रन दूर थी तो धोनी ने कुलासेकरा की गेंद पर छक्का जड़ते हुए पूरे देश को झूमने का मौका दे दिया। श्रीलंका को फाइनल में 6 विकेट से हराते हुए भारत ने 1983 के बाद 28 साल के लंबे इंतजार के बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप कप कब्जा जमा लिया।

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