निदाहास ट्रॉफी फाइनल पर विजय शंकर का बयान, 'उन पांच गेंदों को मिस करने से अब भी निराश हूं'

Vijay Shankar: विजय शंकर ने निदाहास ट्रॉफी फाइनल के आखिरी ओवरों की बैटिंग के बारे में दिया बयान

By अभिषेक पाण्डेय | Published: March 21, 2018 10:44 AM2018-03-21T10:44:38+5:302018-03-21T10:44:38+5:30

Disappointed about the five misses, says Vijay Shankar on Nidahas trophy final vs Bangladesh | निदाहास ट्रॉफी फाइनल पर विजय शंकर का बयान, 'उन पांच गेंदों को मिस करने से अब भी निराश हूं'

निदाहास ट्रॉफी फाइनल में बैटिंग फ्लॉप शो से निराश हैं विजय शंकर

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नई दिल्ली, 21 मार्च: निदाहास ट्रॉफी में टीम इंडिया की बांग्लादेश पर रोमांचक खिताबी जीत के दो दिन बाद भी एक खिलाड़ी ऐसा है जो मुश्किल वक्त में टीम इंडिया को जीत न दिला पाने स निराश है। टीम इंडिया के इस खिलाड़ी का नाम है विजय शंकर, जिन्होंने फाइनल में 19 गेंदों में 17 रन तो बनाए लेकिन आखिरी तीन ओवरों में 5 डॉट बॉल खेलने का उन्हें अब भी अफसोस है। 

फाइनल से पहले विजय शंकर ने निदाहास ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया था। वह एक मैच में मैन  ऑफ मैच भी रहे थे। लेकिन उनकी बैटिंग का असली इम्तिहान बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल में हुआ, वो भी आखिरी दो ओवरों में, जिसमें बदकिस्मती से विजय शंकर अपनी छाप नहीं छोड़ पाए। विजय शंकर ने भारतीय पारी के 18वें में मुस्तफिजुर के ओवर में 4 डॉट गेंदें खेली और आखिरी ओवर में एक गेंद पर कोई रन नहीं बना पाए।

'फाइनल में 5 डॉट बॉल खेलने से निराश हूं'

अपने इस प्रदर्शन से निराश विजय शंकर टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैं अब भी पांच (गेंदों को) मिस से निराश हूं। निराश हूं कि मैं आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर चौका जड़ने के बावजूद इसे उन आखिरी दो गेंदों में नहीं खत्म कर सका। उस स्तर पर आपको पहली बार में ही ऐसा बहुत मुश्किल से मिलता है। अगर मैंने छक्का लगा दिया होता तो चीजें अलग होतीं। मैं इस बात से ज्यादा निराश था कि मैंने ऐसी परिस्थिति के लिए तैयारी की थी लेकिन प्रदर्शन नहीं कर पाया।'  (पढ़ें: धोनी से तुलना पर बोले कार्तिक, कहा- वो जिस यूनिवर्सिटी के टॉपर हैं, मैं अभी वहां कर रहा पढ़ाई)

विजय शंकर ने मुस्तफिजुर के एक ओवर में चार गेंदों पर कोई रन न बना पाने पर कहा, 'मुस्तफिजुर को नेट्स में देखना और मैच में उनका सामना करना दो अलग चीजें हैं। किसी और दिन ऐसी स्थिति में वे गेंदे नहीं मिस करता। मैं इसके लिए दबाव की बात नहीं मानता लेकिन शायद वो मेरा दिन नहीं था।'

विजय शंकर ने कहा, 'निश्चित तौर, पहली तीन गेंदें मिस करने के बाद मैं सोच रहा था, मैंने लगातार तीन गेंदों पर कोई रन नहीं बनाया। संक्षेप में कहूं, मुझे टैप करके सिंगल के लिए दौड़ जाना चाहिए था। मैंने फिर भी फाइनल में एक चौका लगाया। लेकिन मैं वहां अंत तक टिका रहा इस बात ने मुझे एक अलग अनुभव दिया। अपने पहले ही मैच में ऐसे अनुभव से मुझे भविष्य में कभी मदद मिलेगी।' (पढ़ें: Sports Flashback: क्रिकेट के वो पांच रोमांचक मुकाबले जिसने भारतीय फैंस की रोक दी थी सांसें!)

इस सारी नाटकीयता के बाद भी ड्रेसिंग रूम में साथी खिलाड़ियों ने विजय शंकर का हौसला बढ़ाया।  उन्होंने कहा, 'सभी ने मेरी पीठ थपथपाई और मुझे हौसला दिया। ज्यादातर खिलाड़ियों ने मुझे बताया कि मैं ऐसी स्थिति से गुजरने वाला अकेला नहीं और मेरा उत्साह बढ़ाया।' (पढ़ें: निदाहास ट्रॉफी: भारत की जीत के बाद अमिताभ बच्चन ने इसलिए मांगी दिनेश कार्तिक से माफी!)

आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलने वाले विजय शंकर ने कहा, 'मैंने सभी प्रतिक्रियाएं देखीं। क्रिकेट यहां एक खेल से ज्यादा है। फैंस के नजरिए से देखें तो ये तय था कि ये आलोचना होगी और इसे समझा भी जा सकता है। एक प्रोफेशनल के तौर पर मुझे इसे स्वीकार करना होगा और खुद को बेहतर करना होगा। मैं निश्चित तौर पर एक बेहतर क्रिकेटर के तौर पर उभरूंगा, मैं आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन की तरफ देख रहा हूं।'

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