क्रिकेटरों के 'हितों के टकराव' मुद्दे पर श्वेत पत्र तैयार करेगा सीओए

इडुल्जी और उनके साथी रवि थोडगे ने पूर्व राष्ट्रीय कप्तानों सहित पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों से मुलाकात की और उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति के विवादास्पद नियम से हो रही ‘समस्या’ पर चर्चा की।

By भाषा | Published: August 19, 2019 06:22 PM2019-08-19T18:22:23+5:302019-08-19T18:22:23+5:30

CoA facing issues implementing 'conflict' clause, preparing 'white paper': Diana Edulji | क्रिकेटरों के 'हितों के टकराव' मुद्दे पर श्वेत पत्र तैयार करेगा सीओए

क्रिकेटरों के 'हितों के टकराव' मुद्दे पर श्वेत पत्र तैयार करेगा सीओए

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सीओए की सदस्य डायना इडुल्जी ने स्वीकार किया कि प्रशासकों की समिति (सीओए) को बीसीसीआई के दैनिक संचालन में हितों के टकराव को लागू करने में व्यावहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इन मुद्दों को लेकर ‘श्वेत पत्र’ तैयार किया जाएगा।

इडुल्जी और उनके साथी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) रवि थोडगे ने पूर्व राष्ट्रीय कप्तानों दिलीप वेंगसरकर और सौरव गांगुली (स्काइप के जरिये) सहित पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों से मुलाकात की और उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति के विवादास्पद नियम से हो रही ‘समस्या’ पर चर्चा की।

सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे पूर्व दिग्गजों के हितों के टकराव के आरोपों का सामना करना पड़ा है और बीसीसीआई के लोकपाल और आचरण अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके जैन उन्हें अतीत में नोटिस जारी कर चुके हैं। बैठक में संजय मांजरेकर, इरफान पठान, पार्थिव पटेल, अजित अगरकर और रोहन गावस्कर ने भी हिस्सा लिया।

बैठक के बाद इडुल्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सभी मुद्दों (हितों के टकराव से जुड़े) पर चर्चा की गई, क्रिकेटरों केा क्या परेशानी हो रही है, हमें (प्रशासकों) इसे लागू करने में क्या परेशानी हो रही है। काफी उपयोगी चर्चा हुई।’’ थोडगे ने भी इडुल्जी से सहमति जताते हुए कहा, ‘‘कुछ वास्तविक मुश्किलें हैं जिनका सामना हमारे क्रिकेटरों को करना पड़ रहा है। कुछ चीजों से शायद हम सहमत नहीं हों लेकिन कुछ चीजों से हमें सहमत होना होगा। हम उनसे इन्हीं मुद्दों पर जानकारी चाहते थे और यही इस बैठक का उद्देश्य था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेटरों को हितों के टकराव का सामना करना पड़ रहा है और हमें उनकी चिंताओं पर बात कर रहे हैं।’’

क्रिकेटरों को जिस मुख्य मुद्दे का सामना करना पड़ रहा है वह दोहरी भूमिका से जुड़ा है जैसे खिलाड़ी-कमेंटेटर, कमेंटेटर-आईपीएल फ्रेंचाइजी स्टाफ, कमेंटेटर-प्रशासक-फ्रेंचाइजी मेंटर, बीसीसीआई में पद-आईपीएल फ्रेंचाइजी से जुड़ा होना आदि। बीसीसीआई का संविधान स्पष्ट करता है कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ होना चाहिए और इसका उल्लंघन ‘हितों का टकराव’ माना जाता है। इडुल्जी ने कहा, ‘‘गांगुली ने भी स्काइप के जरिये नजरिया रखा। अच्छे सुझाव आए और यह भी कि हम श्वेत पत्र तैयार करेंगे और इसे न्यायमित्र के समक्ष रखेंगे जो इसे उच्चतम न्यायालय को सौंपेगा।’’

‘श्वेत पत्र’ आधिकारिक रिपोर्ट या मार्गदर्शिका होती है जो पाठक को जटिल मुद्दे के संदर्भ में स्पष्ट जानकारी देती है और उस मुद्दे पर किसी संस्था के रुख को बताती है। इडुल्जी ने हालांकि कहा कि फिलहाल हितों के टकराव के नियम का पूरी तरह से पालन करने की जरूरत है। भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान इडुल्जी ने कहा कि बैठक के दौरान हुई चर्चा और इस दौरान उठाए गए मुद्दों को सीओए की अगली बैठक में उठाया जाएगा जिसमें अध्यक्ष विनोद राय भी मौजूद रहेंगे।

आचरण अधिकारी के तेंदुलकर, द्रविड़ और लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों को नोटिस जारी करने के संदर्भ में इडुल्जी ने कहा कि जैन सिर्फ नियमों का पालन कर रहे थे। इडुल्जी ने कहा, ‘‘आचरण अधिकारी हमारे पास शिकायत भेजते हैं और हम भी अपना नजरिया रखते हैं और फिर वह फैसला करते हैं। आज की स्थिति के अनुसार उन्हें अब भी फैसले करने हैं। हमें सम्मान करना होगा कि वह उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं और नियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हितों के टकराव नियम के कारण क्रिकेट को समस्या का सामना करना पड़ रहा है लेकिन मुझे लगता है कि श्वेत पत्र को उच्चतम न्यायालय को सौंपने के बाद वे इसे निश्चित तौर पर समझेंगे।’’ इडुल्जी ने हालांकि श्वेत पत्र की सामग्री का खुलासा करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह अब भी तैयार किया जा रहा है। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज पठान ने कहा कि खिलाड़ियों ने सीओए को उन मुद्दों से अवगत करा दिया है जिसका सामना उन्हें करना पड़ रहा है। पठान ने कहा, ‘‘यह लंबी और अच्छी चर्चा रही। हमने अपना नजरिया उन्हें बताया।’’ तेंदुलकर, लक्ष्मण, द्रविड़ और हरभजन सिंह ने हालांकि बैठक में हिस्सा नहीं लिया।

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