Highlights भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी अब इस दुनिया में नहीं रहेदेश के महानतम स्पिनर का लंबी बीमारी के चलते सोमवार को निधन हो गयाबेदी ने भारत के लिए 1966 से 1979 तक टेस्ट क्रिकेट खेला और 22 टेस्ट मैचों में कप्तानी की
Bishan Singh Bedi Passes Away: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी अब इस दुनिया में नहीं रहे। देश के महानतम स्पिनर का लंबी बीमारी के चलते सोमवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बेदी ने भारत के लिए 1966 से 1979 तक टेस्ट क्रिकेट खेला और 22 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की। उनके नाम 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट हैं। हालांकि भारत के लिए उन्होंने केवल 10 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 7 विकेट चटकाए। भले ही क्रिकेट की दुनिया का यह दिग्गज अब नहीं रहा, लेकिन उनके किस्से क्रिकेट की दुनिया में आज भी जिंदा हैं।
जब गुस्से में पाकिस्तान के खिलाफ बैटिंग कर रहे अपने बल्लेबाजों को बीच में बुलाकर मैच हारा
साल 1978 में साहिवाल में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान जब भारत की टीम को जीत के लिए 18 गेंदों पर 23 रनों की दरकार थी और 8 विकेट बचे थे। इसी दौरान पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सरफराज नवाज ने अपनी गेंदबाजी के दौरान भारतीय बल्लेबाजों को रन ना देने की कोशिश में लगातार 4 गेंद बाउंसर डाली।
इन 4 गेंदों में से किसी भी एक गेंद को अंपायर ने नो बॉल नहीं दिया तो बिशन सिंह बेदी गुस्से में आ गए और अपने बल्लेबाजों को पवेलियन में बुला लिया। बिशन सिंह बेदी के इस फैसले के बाद पाकिस्तान को इस टेस्ट मैच का विजेता घोषित कर दिया गया था। बिशन सिंह बेदी की इस फैसले पर काफी बहस हुई और आलोचना का शिकार बने।
वेस्टइंडीज के खिलाफ बल्लेबाजों को बाउंसर से बचाने के लिए की थी 97 के स्कोर पर पारी घोषित
साल 1976 के जमैका टेस्ट मैच के दौरान वेस्टइंडीज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ बाउंसर पर बाउंसर गेंदबाजी की रणनीति अपनाई थी जिसके कारण भारत के 5 बल्लेबाज चोटिल हो गए थे। ऐसे में भारत की दूसरी पारी के दौरान बिशन सिंह बेदी ने अपने बचे बल्लेबाजों को बाउंसर से बचाने के लिए 26.2 ओवर में ही 97/5 रन के स्कोर पर दूसरी पारी घोषित कर दी थी।
उस टेस्ट मैच में कप्तान रहे बिशन सिंह बेदी ने जानबूझकर भारत की पारी को आगे बढ़ने नहीं दिया। कप्तान बिशन सिंह बेदी ने एक स्टेटमेंट जारी किया और कहा कि वो नहीं चाहते थे कि वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों के सामने उनके गेंदबाज चोटिल हो जाए। यदि गेंदबाज भी चोटिल हो जाएंगे तो गेंदबाजी कौन करेगा। इसी सोच के कारण बिशन सिंह बेदी ने दूसरी पारी को पूरा नहीं किया। अंत में भारतीय टीम को वेस्टइंडीज के हाथों 10 विकेट से हार झेलनी पड़ी।