'चाइनीज सामान पर लगे बैन', भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद हरभजन सिंह की अपील

पूर्वी लद्दाख के की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: June 17, 2020 04:39 PM2020-06-17T16:39:42+5:302020-06-17T16:42:26+5:30

'Ban all Chinese products' - Harbhajan Singh reacts as 20 soldiers attain martyrdom in face-off with China | 'चाइनीज सामान पर लगे बैन', भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद हरभजन सिंह की अपील

लद्दाख में 5 दशक में चीन के साथ पहली बार हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए।

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Highlightsचीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद।क्रिकेट समुदाय ने गलवान वैली के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।हरभजन सिंह ने की चाइनीज सामान बैन करने की मांग।

पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और भारतीय सेना के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। विराट कोहली समेत क्रिकेट जगत ने गलवान वैली में चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है।

भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने इस बीच चाइनीज सामान को बैन करने तक की अपील कर दी है। हरभजन सिंह ने इस ट्वीट को #BoycottChineseProducts के साथ शेयर करते हुए लिखा- "बैन ऑल चाइनीज प्रोडक्ट।"

विराट कोहली-हरभजन सिंह के अलावा रोहित शर्मा, वीरेंद्र सहवाग, मोहम्मद कैफ, युवराज सिंह और शिखर धवन समेत कई स्टार भारतीय क्रिकेटरों ने सीमा पर भारतीय जवानों की शहादत पर शोक व्यक्त किया है।

चीनी सेना को भी नुकसान: पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है। सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए, लेकिन देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक “जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।” सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के सैनिक भी “उसी अनुपात में” हताहत हुए हैं। 

1967 के बाद सबसे बड़ी झड़प: वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे। इस क्षेत्र में दोनों तरफ नुकसान ऐसे वक्त हुआ है जब सरकार का ध्यान कोविड-19 संकट से निपटने पर लगा हुआ है।

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