रॉस टेलर को कप्तानी से हटाना मेरे कोचिंग करियर का सबसे मुश्किल दौर था: न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन

Mike Hesson: न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने रॉस टेलर को कप्तानी से हटाए जाने को अपने कोचिंग करियर का सबसे मुश्किल दौर करार दिया है, हालांकि उन्हें इस फैसले पर खेद नहीं है

By भाषा | Published: July 8, 2020 04:39 PM2020-07-08T16:39:14+5:302020-07-08T16:39:14+5:30

Axing of Ross Taylor as captain was the “toughest time” of my career: Former New Zealand coach Mike Hesson | रॉस टेलर को कप्तानी से हटाना मेरे कोचिंग करियर का सबसे मुश्किल दौर था: न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन

माइक हेसन ने कहा कि रॉस टेलर को कप्तानी से हटाने के फैसले से बेहतर ढंग से निपटा जा सकता था (File Photo)

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Highlightsरॉस टेलर को कप्तानी से हटाना मेरे कोचिंग करियर का सबसे मुश्किल दौर था: माइक हेसनरॉस टेलर जिस दौर से गुजरे उससे मुझे उनके प्रति सहानुभूति है: माइक हेसन

ऑकलैंड: न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने स्वीकार किया कि 2012 में रॉस टेलर को कप्तान पद से हटाना उनके करियर का सबसे मुश्किल दौर था क्योंकि इसे बेहतर तरीके से निबटा जा सकता था लेकिन उन्हें इस विवादास्पद फैसले पर खेद नहीं है। टेलर ने 2012 में सभी प्रारूपों में कप्तान पद छोड़ दिया था क्योंकि हेसन ने उनसे सीमित ओवरों की कप्तानी ब्रैंडन मैकुलम को सौंपने के लिये कहा था।

हेसन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह मेरे कोचिंग करियर का सबसे मुश्किल दौर था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन कारणों के बारे में सोचता हूं जिनकी वजह से मैं कोच हूं और कई बार मैं रात में खुद से पूछता हूं कि क्या मैंने सही कारणों से फैसला किया क्योंकि मुझे लगता था कि इससे टीम को फायदा होगा।’’

रॉस टेलर को कप्तानी से हटाने के फैसले को बेहतर ढंग से संभाल सकता था: माइक हेसन

यह 45 वर्षीय कोच अभी इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर का क्रिकेट संचालन निदेशक है। उन्होंने स्वीकार किया कि वह इस पूरे घटनाक्रम को बेहतर तरीके से संभाल सकते थे। हेसन ने कहा, ‘‘वह वास्तव में बुरा दौर था। लेकिन मुझे अपने फैसले पर खेद नहीं है लेकिन मुझे निश्चित तौर पर इसके परिणामों और लोगों ने इसे जिस तरह से समझा, उस पर खेद है।’’

उन्होंने कहा कि टीम के अंदर ही कुछ ऐसे लोग थे जो दोनों पक्षों में अपना समर्थन दिखाकर आग में घी डालने का प्रयास कर रहे थे। हेसन ने कहा, ‘‘रॉस जिस दौर से गुजरे उससे मुझे उनके प्रति सहानुभूति है और यह वास्तव में पूरी टीम के लिये मुश्किल दौर था। हमारे साथ कुछ ऐसे भी लोग थे जो दोनों पक्षों के प्रति हमदर्दी जताकर आग में घी डालने का प्रयास कर रहे थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आज भी मानना है कि वह सही फैसला है। क्या उसे बेहतर तरह से किया जा सकता था। बेशक ऐसा हो सकता था ’’ हेसन ने कहा कि यह फैसला गलत समय पर किया गया था क्योंकि टीम ने तब श्रीलंका पर जीत दर्ज की थी और टेलर ने उसमें एक ‘जीनियस’ की तरह प्रदर्शन किया था। मैकुलम की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने सभी प्रारूपों में सफलता हासिल की। इनमें 2015 का विश्व कप भी शामिल है जिसमें टीम उप विजेता रही थी। 

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