Highlightsकमिंस ने कहा कि उनकी टीम को अपने देश में और दुनिया में नस्लवाद की समस्या से निपटने का यह सर्वश्रेष्ठ तरीका लगा। कमिंस ने कहा, 'हमने नंगे पांव गोलाकार स्थिति में खड़ा होने का फैसला किया है।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हर शृंखला से पहले देशज (स्वदेशी) लोगों की संस्कृति को सम्मान देने के लिए मैच से पहले मैदान पर नंगे पांव उतरकर गोलाकार स्थिति में खड़े होंगे, जिसकी शुरुआत भारत के खिलाफ एकदिवसीय शृंखला से होगी। ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट और एकदिवसीय उपकप्तान पैट कमिंस ने कहा कि उनकी टीम को अपने देश में और दुनिया में नस्लवाद की समस्या से निपटने का यह सर्वश्रेष्ठ तरीका लगा।
ईएसपीन क्रिकइंफो के मुताबिक कमिंस ने कहा, 'हमने नंगे पांव गोलाकार स्थिति में खड़ा होने का फैसला किया है। हम प्रत्येक शृंखला की शुरुआत में ऐसा करेंगे। यह हमारे लिए बहुत आसान निर्णय है। न केवल एक खेल के रूप में, बल्कि इस मामले भी कि हम लोग नस्लवाद के बिल्कुल खिलाफ हैं।' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम इसकी शुरुआत कर यह कह सकते है कि हमने अतीत में पर्याप्त प्रयास नहीं किए हैं और हम बेहतर होना चाहते हैं। हम अपने स्तर पर इसे रोकने और बेहतर होने की कोशिश कर सकते हैं। यह एक छोटी पहल है जिसे हम इस गर्मी (आगामी सत्र) में शुरू करने जा रहे हैं।'
जब होल्डिंग ने की थी आलोचना 'ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएलएम) यानि अश्वेतों की जिंदगी मायने रखती है' आंदोलन के समर्थन में इंग्लैंड दौरे पर घुटने के बल नहीं बैठने पर वेस्ट इंडीज के दिग्गज क्रिकेटर माइकल होलडिंग ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की आलोचना की थी। कमिंस से पूछा गया कि इंग्लैंड दौरे पर टीम ने घुटनों के बल बैठने के खिलाफ फैसला क्यो किया तो उन्होंने कहा, ''कुछ लोग इसे घुटने के बल बैठ कर करना चाहते हैं, हो सकता है कि कुछ लोग इसे अलग तरीकों से दिखाना चाहें। लेकिन हम टीम के रूप में एक साथ आए हैं और समझते हैं कि यह सबसे अच्छा तरीका है जिसमेकं हम नस्लवाद के विरोध के साथ देशज संस्कृति का जश्न भी मनाएंगे।' (ब्यूरो इनपुट के साथ)