जानिए कौन हैं भारत की अंडर-19 एशिया कप जीत के हीरो अथर्व अंकोलेकर, पिता बचपन में गुजर गए, मां हैं बस कंडक्टर

Atharva Ankolekar: अंडर-19 एशिया कप फाइनल में 5 विकेट झटकते हुए भारत को जीत दिलाने वाले 18 वर्षीय अथर्व अंकोलेकर कौन हैं, जानिए

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 15, 2019 04:42 PM2019-09-15T16:42:02+5:302019-09-15T16:43:32+5:30

Atharva Ankolekar: Meet hero of India's win in U-19 Asia Cup final | जानिए कौन हैं भारत की अंडर-19 एशिया कप जीत के हीरो अथर्व अंकोलेकर, पिता बचपन में गुजर गए, मां हैं बस कंडक्टर

अथर्व अंकोलेकर ने अंडर-19 एशिया कप फाइनल में झटके 5 विकेट

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Highlightsअथर्व अंकोलेकर ने फाइनल में 5 विकेट झटक दिलाया भारत को अंडर-19 एशिया कप खिताबअथर्व की दमदार गेंदबाजी की मदद से भारत ने U-19 एशिया कप फाइनल में बांग्लादेश को दी मात

भारत ने शनिवार को अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में 106 रन पर आउट होने के बावजूद बांग्लादेश को 5 रन से हराकर सातवीं बार खिताब पर कब्जा जमा लिया। 

भारत की इस जीत के हीरो रहे अथर्व विनोद अंकोलेकर, जिन्होंने 5 विकेट झटकते हुए बांग्लादेशी बैटिंग की कमर तोड़ दी। 

इस 18 वर्षीय स्पिनर ने फाइनल में 8 ओवर में 28 रन देकर 5 विकेट झटके और बांग्लादेशी टीम को 101 रन पर समेटने में अहम योगदान दिया। 12 विकेट झटकते हुए अथर्व इस टूर्नामेंट में स्टार बनकर उभरे।

आइए जानें भारतीय अंडर-19 टीम के युवा गेंदबाज अथर्व अंकोलेकर बारे में कुछ रोचक बातें।

अथर्व अंकोलेकर से जुड़ी रोचक बातें

-अथर्व अंकोलेकर मुंबई से हैं। वह बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज हैं।
-उन्होंने मुंबई के विले पार्ले ईस्ट स्थित पार्ले तिलक स्कूल में पढाई की है। 
-एक मिडिल क्लास परिवार से आने वाले अथर्व, वर्तमान में एक रिजवी कॉलेज से कॉमर्स की डिग्री ले रहे हैं। 
-अथर्व को क्रिकेटर खेलने के लिए उनके दिवगंत पिता ने प्रोत्साहित किया, जिनकी 2010 में मलेरिया से मौत हो गई थी।
-उनके पिता मुंबई की बेस्ट सर्विस में एक कंडक्टर के तौर पर काम करते थे, उनकी मौत के बाद उनकी मां को ये नौकरी मिल गई, जिन्होंने अपने बेटे को इसक बाद अकेले दम पाला।
-26 सितंबर को 19 साल के होने जा रहे अथर्व मुंबई के बांद्रा स्थित एमआईजी क्रिकेट क्लब में प्रैक्टिस करते हैं और स्टार क्रिकेट क्लब के लिए खेलते हैं।
-अथर्व को एक बार महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने एक जोड़ी ग्लव्स गिफ्ट किए थे, जो उनके करियर का सबसे यादगार तोहफा है। 
-अथर्व का छोटा भाई पार्थ, जो 13 साल के हैं, वह भी क्रिकेटर हैं और मुंबई की अंडर-14 टीम के लिए खेलते हैं। अथर्व ने अपने छोटे भाई के लिए एक जोड़ी जूते हैं और उनका कहना है कि वह उसे वह सबकुछ देना चाहते हैं, जो उन्हें नही मिल सका।

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