Assembly Elections 2023: बस्तर में कड़ी सुरक्षा के बावजूद मुठभेड़ और विस्फोट हुआ, 20 में से 12 सीटों के लिए हुए मतदान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 7, 2023 06:32 PM2023-11-07T18:32:57+5:302023-11-07T18:35:09+5:30
छत्तीसगढ़ में कड़ी सुरक्षा के बाद भी सुकमा जिले में माहौल बिगड़ गया। कहा ये जा रहा है कि इस हमले से साल 2013 की यादें ताजा हो गई है। जब सुकमा जिले में कांग्रेस लीडर के काफिले पर हमला हुआ था।
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बस्तर में कड़ी सुरक्षा के बावजूद दो जगह मुठभेड़ और एक जगह विस्फोट की खबर सामने आई है। इस क्षेत्र में 20 में से 12 सीटों के लिए वोटिंग भी हुई। हमले में कुछ पुलिस वाले घायल हो गए हैं। इस हमले के बाद प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में चुनाव के मद्देनजर 60 हजार पुलिस जवानों की तैनाती की जा चुकी है।
कहा ये जा रहा है कि इस हमले से साल 2013 की यादें ताजा हो गई है। जब सुकमा जिले में कांग्रेस लीडर के काफिले पर हमला हुआ था। यह एक बहुत बड़ा आत्मघाती हमलों में से एक माना गया है। पिछले माऊवादियों की ओर से 25 मई, 2013 को भी विधानसभा चुनावों के दौरान ही राज्य में परिवर्तन रैली में कांग्रेस नेताओं पर हमले हुए थे। इस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व विपक्षे के नेता महेंद्र करमा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला समेत 30 कांग्रेस नेता और सुरक्षा जवान मारे गए थे।
एनडीटीवी के मुताबिक, हमले सड़क से 100 मीटर दूर, साल 2013 में बोलेरो में मैटल के कुछ पीस मिले थे। इस घटना में मरने वालों की याद में झीरम घाटी पर उन नेताओं और जवानों की फोटो लगाई गई है, जो यहां मारे गए थे। लगभग 2013 की घटना हुए पूरे 10 साल हो गए हैं, लेकिन कांग्रेस अब भी कहती है कि हत्याएं राजनीतिक साजिश का नतीजा थीं और कुछ लोगों ने माओवादियों के साथ मिलकर हमला किया था। जब हमला हुआ तब राज्य में भाजपा सत्ता में थी। हमले में बचे कांग्रेस नेता मलकीत गैदु ने कहा, ''राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उचित जांच नहीं की। यह कांग्रेस के लोगों के साथ षड़यंत्र हुआ।"