भावनगर को कंटेनर केंद्र के रूप में विकसित करेंगे, 1,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद : मांडविया
By भाषा | Published: April 11, 2021 10:34 AM2021-04-11T10:34:09+5:302021-04-11T10:34:09+5:30
(नमिता तिवारी)
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल वैश्विक स्तर पर मांग में बढ़ोतरी के बीच घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र गुजरात के भावनगर को कंटेनर केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रहा है। केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी।
मांडविया ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि सरकार ने कंटेनरों के विनिर्माण के लिए पायलट परियोजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद कंटेनर उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। इसके जरिये निजी क्षेत्र से 1,000 करोड़ रुपये का निवेश हासिल करने और एक लाख रोजगार के अवसरों के सृजन का लक्ष्य है।
यह कदम वैश्विक स्तर पर कंटेनरों की कमी की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। आपूर्ति प्रभावित होने तथा मांग के झटकों की वजह से भारत का कंटेनर से संबंधित कारोबार प्रभावित हुआ है।
मांडविया ने कहा, ‘‘भारत को हर साल 3.5 लाख कंटेनरों की जरूरत होती है। भारत में कंटेनरों का उत्पादन नहीं होता और हमें मुख्य रूप से वैश्विक उत्पादक चीन पर निर्भर रहना पड़ता है। हम गुजरात के भावनगर को कंटेनर केंद्र के रूप में विकसित करना चाहते हैं। हमने वहां कंटेनरों के पायलट आधार पर उत्पादन के लिए 10 स्थानों का चयन किया है।’’
मंत्री ने कहा कि पायलट परियोजनाएं सफल रही हैं।
उन्होंन कहा कि पोत परिवहन मंत्रालय ने पिछले छह माह के दौरान रि-रोलिंग और फर्नेस निर्माताओं की मदद से भावनगर में कंटेनर उत्पादन को प्रोत्साहन के लिए कई कदम उठाए हैं।
मांडविया ने कहा, ‘‘हमें इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र से 1,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। साथ ही हमें स्थानीय स्तर पर एक लाख रोजगार के अवसरों के सृजन का भी भरोसा है।’’
मंत्री ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।