कोरोना की नई लहर की आशंका के चलते वैष्णो देवी आने वालों का रिकार्ड प्रभावित होगा, कश्मीर में पर्यटन व्यवसाय भी पटरी से उतरने की आशंका

By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 26, 2022 05:50 PM2022-12-26T17:50:21+5:302022-12-26T17:51:14+5:30

Vaishno Devi- वैष्णो देवी की यात्रा में तेजी आई थी। पिछले साल का रिकार्ड कब का टूट चुका है। पिछले साल 55.88 लाख श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी की पिंडी के दर्शन किए थे।

Vaishno Devi covid corona Due new wave record visitors will be affected possibility ourism business in Kashmir | कोरोना की नई लहर की आशंका के चलते वैष्णो देवी आने वालों का रिकार्ड प्रभावित होगा, कश्मीर में पर्यटन व्यवसाय भी पटरी से उतरने की आशंका

इस साल अभी तक जून महीने में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आए थे।

Highlights कश्मीर में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भी दो चार हो रहे हैं।कोरोना के कारण वर्ष 2020 में तो सिर्फ 17.20 लाख श्रद्धालु ही आ पाए थे।इस साल अभी तक जून महीने में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आए थे।

जम्मूः कोरोना की नई लहर के आने की आशंका से वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारी और कटड़ा का व्यापारी वर्ग सबसे परेशान है। कारण स्पष्ट है। भीड़ एकत्र न करने, मास्क लगाने और प्रोटोकाल की पांबदियों के बाद कई बुंकिंगें रद्द हो गई हैं। ऐसी ही स्थिति से कश्मीर में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भी दो चार हो रहे हैं।

इस साल के आरंभ में हालांकि कोरोना से मुक्ति के बाद वैष्णो देवी की यात्रा में तेजी आई थी। तभी तो पिछले साल का रिकार्ड कब का टूट चुका है। पिछले साल 55.88 लाख श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी की पिंडी के दर्शन किए थे। वर्ष 2021 की संख्या भी सुकून देनी वाली थी क्योंकि कोरोना के कारण वर्ष 2020 में तो सिर्फ 17.20 लाख श्रद्धालु ही आ पाए थे। यह संख्या निराश करने वाली थी।

इस साल की शुरुआत ने श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त कटड़ा के व्यापारियों में जो नया उत्साह भरना आरंभ किया था वह अब खत्म होने लगा है। सरकार ने यह संकेत दिए हैं कि अगर कोरोना प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ी तो वे वैष्णो देवी आने वालों की संख्या में कटौती करने पर मजबूर होंगे।

यह सच है कि इस साल अभी तक जून महीने में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आए थे। करीब 11.29 लाख श्रद्धालुओं ने जून में जो खुशी दी थी वह अभी भी कायम है। हालंकि अधिकारियों के मुताबिक, इस साल आने वालों की संख्या वर्ष 2012 का रिकार्ड शायद ही तोड़ पाए जब 104.90 लाख श्रद्धालु आए थे।

कोरोना की चौथी लहर की आशंका से पहले तक यह उम्मीद जरूर बरकरार थी कि वर्ष 2013 का रिकार्ड जरूर टूटेगा जब 93.24 लाख श्रद्धालुओं ने माथा टेका था। यह सच है कि कटड़ा के होटलों में नववर्ष की संध्या पर दर्शनों के लिए आने वालों ने 100 प्रतिशत होटलों आदि की बुकिंगें करवा रखी थीं। पर अब रद्द करने वालों की संख्या बढ़ने लगी है। पहलगाम, गुलमर्ग आदि पर्यटनस्थलों से मिलने वाले समाचार भी कहते हैं कि वहां भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है।

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