पुणे मेट्रो रेल परियोजना पर 3,626 करोड़, 111.5 करोड़ रुपये की सहायता के साथ आगरा में आलू अनुसंधान केंद्र, 5,940 करोड़ रुपये में झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 25, 2025 19:06 IST2025-06-25T19:04:48+5:302025-06-25T19:06:01+5:30

Union Cabinet decision: दो एलिवेटेड गलियारे 12.75 किलोमीटर लंबे होंगे और इसमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे।

Union Cabinet decisionPune Metro Rail Project cost Rs 3626 crore Potato Research Centre in Agra Rs 111-5 crore Jharia Master Plan approved for Rs 5,940 crore | पुणे मेट्रो रेल परियोजना पर 3,626 करोड़, 111.5 करोड़ रुपये की सहायता के साथ आगरा में आलू अनुसंधान केंद्र, 5,940 करोड़ रुपये में झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी

file photo

Highlightsपरियोजना चार साल में पूरी होगी।अनुमानित लागत 3,626.24 करोड़ रुपये है।एजेंसियों द्वारा समान रूप से साझा किया जाएगा।

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी, जिसमें 12.75 किलोमीटर लंबे दो एलिवेटेड गलियारे शामिल हैं और इसे 3,626 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत दो गलियारों - वनाज से चांदनी चौक और रामवाड़ी से वाघोली - को मंजूरी दी गई। ये गलियारे मौजूदा वनाज-रामवाड़ी गलियारे का विस्तार होंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘ये दो एलिवेटेड गलियारे 12.75 किलोमीटर लंबे होंगे और इसमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे। परियोजना चार साल में पूरी होगी।’’

उन्होंने कहा कि परियोजना की अनुमानित लागत 3,626.24 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाह्य द्विपक्षीय/बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा समान रूप से साझा किया जाएगा। वैष्णव ने कहा, ‘‘यह रणनीतिक प्रस्ताव मौजूदा गलियारे का तार्किक विस्तार है और व्यापक गतिशीलता योजना (सीएमपी) के अनुरूप है, जिसमें पुणे में पूर्व-पश्चिम से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए चांदनी चौक से वाघोली मेट्रो गलियारे तक एक सतत परियोजना की परिकल्पना की गई है।’’

मंत्री ने कहा कि इस विस्तार से प्रमुख आईटी केंद्रों, वाणिज्यिक क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों और आवासीय क्षेत्रों को बेहतर सेवा मिल सकेगी। उन्होंने कहा, ‘‘नए गलियारे जिला न्यायालय इंटरचेंज स्टेशन को लाइन-1 (निगडी-कात्रज) और लाइन-3 (हिंजेवाड़ी-जिला न्यायालय) के साथ एकीकृत करेंगे, जिससे शहर में निर्बाध यात्रा संभव हो सकेगी।’’

दीर्घकालिक गतिशीलता योजना के तहत, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों से आने वाली इंटरसिटी बस सेवाओं को चांदनी चौक से जोड़ा जाएगा, जबकि अहिल्या नगर और छत्रपति संभाजी नगर से आने वाली बसें वाघोली में जुड़ेंगी, जिससे यात्रियों को पुणे की मेट्रो प्रणाली तक आसानी से पहुंच मिल सकेगी। इन गलियारों के पूरा होने के बाद, संपूर्ण लाइन-2 के लिए अनुमानित दैनिक सवारियों की संख्या 2027 में 0.96 लाख, 2037 में 2.01 लाख, 2047 में 2.87 लाख और 2057 में 3.49 लाख होने का अनुमान है।

केंद्र ने 111.5 करोड़ रुपये की सहायता के साथ आगरा में आलू अनुसंधान केंद्र को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसके लिए 111.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू तथा शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य तथा पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है। आलू क्षेत्र में उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन और मूल्य श्रृंखला में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न करने की क्षमता है।

इसमें कहा गया, इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में स्थापित किया जा रहा है। भारत आलू के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। वैष्णव ने बताया कि क्षेत्रीय केंद्र में अनुसंधान बीज उत्पादन, कीट प्रबंधन, टिकाऊ उत्पादन और किसानों के प्रशिक्षण पर केंद्रित होगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही अनुसंधान केंद्र के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। पेरू के लीमा स्थित मुख्यालय वाला अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) आलू, शकरकंद और ‘एंडियन’ जड़ों (देशी तथा पारंपरिक जड़ वाली फसल) और कंदों के अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।

मंत्रिमंडल ने पुनर्वास के लिए 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी

सरकार ने झारखंड के कोयला क्षेत्र झरिया में भूमिगत आग से निपटने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए बुधवार को 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई।

संशोधित योजना के कार्यान्वयन के लिए कुल वित्तीय परिव्यय 5,940.47 करोड़ रुपये है। संशोधित मास्टर प्लान में प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के लिए सतत आजीविका सृजन पर विशेष बल दिया गया है। इसके तहत लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे और पुनर्वास वाले परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आय-सृजन के अवसर भी पैदा किए जाएंगे।

झारखंड के धनबाद जिले में आग, भूस्खलन और पुनर्वास से निपटने के लिए झरिया मास्टर प्लान को केंद्र सरकार ने अगस्त, 2009 में मंजूरी दी थी। इसकी कार्यान्वयन अवधि 10 वर्ष और कार्यान्वयन-पूर्व अवधि दो वर्ष रखी गई थी। इसपर 7,112.11 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया गया था। हालांकि, पिछली मास्टर प्लान योजना वर्ष 2021 में खत्म हो गई थी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल के पीड़ितों के बलिदान का सम्मान करने का संकल्प लिया

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को कुछ क्षणों का मौन रखा तथा उनके बलिदान को याद करने और सम्मान देने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कुछ क्षणों का मौन रखा, जिनके संवैधानिक लोकतांत्रिक अधिकार आपातकाल के दौरान छीन लिए गए और जिन्हें अकल्पनीय भयावहता का सामना करना पड़ा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को स्मरण करने और सम्मानित करने का संकल्प लिया, जिन्होंने आपातकाल और भारतीय संविधान की भावना को कमजोर करने के प्रयास का बहादुरी से विरोध किया था।

आपातकाल की शुरुआत 1974 में नवनिर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के एक कठोर प्रयास के साथ हुई थी। वैष्णव ने कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल की ज्यादतियों के प्रति उनके अनुकरणीय साहस और वीरतापूर्ण प्रतिरोध को श्रद्धांजलि दी।"

उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में ‘संविधान हत्या दिवस’ के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं - जो भारत के इतिहास का एक अविस्मरणीय अध्याय है और इसके तहत संविधान को कमजोर किया गया, भारत के गणतंत्र और लोकतांत्रिक भावना पर हमला किया गया, संघवाद को कमजोर किया गया और मौलिक अधिकारों, मानव स्वतंत्रता और गरिमा को निलंबित कर दिया गया।

वैष्णव ने कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस बात की पुष्टि की कि भारत के लोग भारतीय संविधान और देश के लोकतांत्रिक लोकाचार की दृढ़ता में अटूट विश्वास रखते हैं।" मंत्री ने कहा, "जैसे यह बुजुर्गों के लिए अहम है, वैसे ही युवाओं के लिए भी यह महत्वपूर्ण है कि वे उन लोगों से प्रेरणा लें जिन्होंने तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध किया और हमारे संविधान व लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के लिए डटे रहे।”

वैष्णव ने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण और सुरक्षा का एक उदाहरण है। वैष्णव ने कहा, "आइए, हम एक राष्ट्र के रूप में अपने संविधान और इसकी लोकतांत्रिक और संघीय भावना को बनाए रखने के अपने संकल्प को नवीनीकृत करें।"

Web Title: Union Cabinet decisionPune Metro Rail Project cost Rs 3626 crore Potato Research Centre in Agra Rs 111-5 crore Jharia Master Plan approved for Rs 5,940 crore

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे