रेमडेसिविर की उपलब्धता को लेकर मंडाविया, एनसीपी नेता मालिक के बीच तकरार
By भाषा | Updated: April 17, 2021 20:46 IST2021-04-17T20:46:18+5:302021-04-17T20:46:18+5:30

रेमडेसिविर की उपलब्धता को लेकर मंडाविया, एनसीपी नेता मालिक के बीच तकरार
नयी दिल्ली, 17 अप्रैल केन्द्रीय मंत्री मनसुख एल मंडाविया और एनसीपी नेता नवाब मलिक के बीच शनिवार को कोरोना वायरस की दवा रेमडेसिविर की उपलब्धता को लेकर ट्वीटा पर तकरार हो गई।इस दवा का इस्तेमाल कोविड- 19 के इलाज में किया जाता है।
मलिक ने कई बार किये गये ट्वीट में आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार विभिन्न निर्यातोन्मुखी इकाइयों (ईओयू) को घरेलू बाजार में इस दवा को बेचने की अनुमति नहीं दे रही है।
केन्द्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री ने एनसीपी नेता के इस आरोप का मजबूती के साथ विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस दवा का उत्पादन दुगुना करने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘एनसीपी के नवाब मलिक द्वारा किये जा रहे ट्वीट चौंकाने वाले हैं। वे अर्धसत्य और झूठ का पुलिंदा हैं। उन्होंने जो धमकी दी है वह अस्वीकार्य है। वह जमीनी स्थिति से अनभिज्ञ हैं। भारत सरकार इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के संपर्क में है। भारत सरकार हर तरह से रेमडेसिविर की आपूर्ति बढ़ाने में सहायता कर रही है।’’
मंडाविया ने कहा कि सरकार देश में रेमडेसिविर के उत्पादन को दुगुना करने की प्रक्रिया में है। सरकार ने इस साल चार अप्रैल के बाद से 20 और संयंत्रों को त्वरित अनुमति दी है।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘महाराष्ट्र के लोगों को रेमडेसिविर की उपयुक्त मात्रा में आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता में है।’’
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लोगों की मदद के लिये सब कुछ करने को प्रतिबद्ध है।
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मलिक ने आरोप लगाया कि देश में 16 निर्यातोन्मुखी इकाइयां हैं जिनके पास रेमडेसिविर की 20 लाख शीशियां उपलब्ध हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘‘निर्यात पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है ऐसे में ये इकाइयां उनके पास उपलब्ध दवा को घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति मांग रही है लेकिन केन्द्र सरकार उन्हें अनुमति नहीं दे रही है।
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