दूसरी लहर की वजह से आर्थिक वृद्धि के अनुमान का कुछ पुनर्मूल्याकंन हो सकता है: कुमार मंगलम बिड़ला

By भाषा | Updated: July 26, 2021 17:12 IST2021-07-26T17:12:56+5:302021-07-26T17:12:56+5:30

There may be some reassessment of economic growth forecast due to second wave: Kumar Mangalam Birla | दूसरी लहर की वजह से आर्थिक वृद्धि के अनुमान का कुछ पुनर्मूल्याकंन हो सकता है: कुमार मंगलम बिड़ला

दूसरी लहर की वजह से आर्थिक वृद्धि के अनुमान का कुछ पुनर्मूल्याकंन हो सकता है: कुमार मंगलम बिड़ला

नयी दिल्ली, 26 जुलाई आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि कोविड-19 की घातक दूसरी लहर की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर का कुछ पुनर्मूल्यांकन हो सकता है, लेकिन देश के लिए दीर्घकालिक संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं।

बिड़ला ने समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में साथ ही कहा कि अच्छी बात यह है कि पहली लहर की तुलना में महामारी की दूसरी लहर के दौरान उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान कम गंभीर थे।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा टीकाकरण के जोर पकड़ने के साथ आवागमन के स्तर और संबंधित आर्थिक गतिविधियां को तेजी से सामान्य करने में मदद मिलेगी।

जहां सरकार मार्च के बाद से वित्त वर्ष में लगभग 11 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अपने अनुमान पर अडिग है, मूडीज के साथ-साथ एशियाई विकास बैंक (एडीबी) जैसी रेटिंग एजेंसियों ने पहले ही वृद्धि दर के अनुमानों में कटौती की है।

बिड़ला ने अल्ट्राटेक के शेयरधारकों के नाम अपने संदेश में कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक की निरंतर उदार मौद्रिक नीति और सरकार से पूंजीगत व्यय में अपेक्षित वृद्धि ऐसे कारक हैं जिनसे वृद्धि में सुधार करने में मदद मिलेगी।"

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, वैश्विक वृद्धि संभावनाएं वृद्धि के एक अतिरिक्त मजबूत चालक के रूप में निर्यात के लिए अवसर प्रदान करती हैं।

देश के प्रमुख उद्योगपति ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालीन संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं।"

उन्होंने कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निजीकरण, संपत्तियों का मौद्रिकरण, राष्ट्रीय आधारभूत संरचना पाइपलाइन के कार्यान्वयन, उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना के जरिये लक्षित निवेश प्रोत्साहन और नई श्रम संहिता सहित विभिन्न पहलों से मध्यावधि में निवेश तथा वृद्धि के एक अच्छे चक्र को बढ़ावा देने की संभावना है।"

बिड़ला ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में "सुधार के रास्ते पर" थी, और फिर कोविड-19 की अप्रत्याशित दूसरी लहर की चपेट में आ गई।

उन्होंने कहा, "इससे देश के कई हिस्सों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ा, जिससे स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाए गए और गतिशीलता में एक साल पहले के स्तर जैसी गिरावट आयी। और इससे वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि के अनुमानों का कुछ पुनर्मूल्यांकन हो सकता है।

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