नई दिल्ली: भारत सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट को गलत बताया है जिसमें कहा गया था कि एयर इंडिया के लिए बोली टाटा ग्रुप ने जीत ली है। इससे पहले ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया था टाटा का 68 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया पर मालिकाना हक होगा। वहीं सरकार का कहना है कि अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ है।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव की ओर से इस संबंध में ट्वीट कर सफाई दी गई। ट्वीट में कहा गया, 'एयर इंडिया विनिवेश के संबंध में ऐसी खबरें मीडिया में आई हैं कि भारत सरकार ने फाइनेंशियल बिड को मंजूरी दी है। ये गलत है। जब भी इस संबंध में फैसला लिया जाएगा, मीडिया को जानकारी दी जाएगी।'
बता दें कि टाटा समूह ने ही अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी जिसे बाद में एयर इंडिया का नाम दिया गया। आजादी के बाद 1953 में एयर इंडिया सरकारी कंपनी बन गई थी।
टाटा समूह और स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह ने इस महीने की शुरुआत में कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के लिए बोली सौंपी थी। सरकार एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है जिसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल हैं।
जनवरी, 2020 से शुरू हुई विनिवेश की प्रक्रिया में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई है। सरकार ने अप्रैल, 2021 में संभावित बोलीदाताओं को वित्तीय बोली सौंपने के लिए कहा था।
एयर इंडिया, 2007 में घरेलू विमान सेवा इंडियन एयरलाइंस के साथ अपने विलय के बाद से घाटे में चल रही है। एयरलाइन के लिए सफल बोली लगाने वाली कंपनी को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग एवं पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशी हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट का नियंत्रण हासिल होगा।
इसके अलावा, कंपनी को एयरलाइन की कम लागत वाली सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस का 100 प्रतिशत और एआईएसएटीएस का 50 प्रतिशत स्वामित्व मिलेगा।
(भाषा इनपुट)