Sugar company stock market: गन्ने एफआरपी में 25 रुपये की बढ़ोतरी, राणा, मवाना, राजश्री शुगर्स एंड केमिकल्स, केसीपी शुगर एंड इंडस्ट्रीज और ईआईडी पैरी को बाजार में झटका, शेयर गिरे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 22, 2024 11:36 AM2024-02-22T11:36:56+5:302024-02-22T11:38:27+5:30
Sugar company stock market: केसीपी शुगर एंड इंडस्ट्रीज का शेयर 2.20 प्रतिशत गिरकर 40.87 रुपये पर और ईआईडी पैरी (इंडिया) का शेयर 1.57 प्रतिशत गिरकर 629.20 रुपये पर आ गया।
Sugar company stock market: केंद्र सरकार के 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को सुबह के कारोबार में चीनी कंपनियों के शेयर तीन प्रतिशत तक गिर गए। बीएसई पर सूचीबद्ध राणा शुगर्स का शेयर 3.21 प्रतिशत गिरकर 25.35 रुपये पर, मवाना शुगर्स का शेयर 2.81 प्रतिशत गिरकर 101.70 रुपये पर, राजश्री शुगर्स एंड केमिकल्स का शेयर 2.50 प्रतिशत गिरकर 72.62 रुपये पर, श्री रेणुका शुगर्स का शेयर 2.41 प्रतिशत गिरकर 48.50 रुपये पर, केसीपी शुगर एंड इंडस्ट्रीज का शेयर 2.20 प्रतिशत गिरकर 40.87 रुपये पर और ईआईडी पैरी (इंडिया) का शेयर 1.57 प्रतिशत गिरकर 629.20 रुपये पर आ गया।
डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज का शेयर 1.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 403.15 रुपये प्रति शेयर पर, बलरामपुर चीनी मिल्स का शेयर 1.12 प्रतिशत गिरकर 376.50 रुपये पर, धामपुर शुगर मिल्स 0.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 248 रुपये पर और त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज 0.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 347.80 रुपये प्रति शेयर पर आ गया।
सरकार ने बुधवार को 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दे दी थी दी। गन्ने का नया सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी एफआरपी है।
मात्रा के संदर्भ में यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार ने एफआरपी में एक बार में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। गन्ने की एफआरपी बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया।
संशोधित एफआरपी एक अक्टूबर 2024 से लागू होगी। आधिकारिक बयान के मुताबिक,‘‘ केंद्र सरकार के इस फैसले से पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होगा।’’