सोयाबीन तेल तिलहन तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: November 19, 2020 19:32 IST2020-11-19T19:32:59+5:302020-11-19T19:32:59+5:30

Soybean oil oilseeds and cottonseed oil prices improve | सोयाबीन तेल तिलहन तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार

सोयाबीन तेल तिलहन तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, 19 नवंबर शिकागो एक्सचेंज में तीन प्रतिशत की तेजी और मलेशिया एक्सचेंज में आधा प्रतिशत की गिरावट के बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली तेल तिलहन बाजार में सोयाबीन तेल तिलहन में सुधार दर्ज हुआ जबकि मलेशिया एक्सचेंज में आधा प्रतिशत की गिरावट के बावजूद बेपड़ता कारोबार और उत्पादन प्रभावित होने से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बने रहे।

कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर मजदूरों की कम उपलब्धता की वजह से मलेशिया में उत्पादन प्रभावित होने से भी पाम एवं पामोलीन तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बने रहे। नये आयात शुल्क मूल्य के हिसाब से मुनाफा जोड़कर सीपीओ का भाव 99 रुपये किलो पड़ता है जबकि वायदा कारोबार में दिसंबर अनुबंध का भाव 93 रुपये किलो का है। यानी सीपीओ लगभग 600 रुपये क्विन्टल बेपड़ता बैठता है। इस बेपड़ता कारोबार के कारण भी सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें पर्ववत बनी रहीं।

इसी प्रकार सोयाबीन डीगम का नये आयात शुल्क मूल्य और मुनाफा जोड़कर 11,200 रुपये क्विन्टल बैठता है। जबकि इस तेल का हाजिर भाव 10,600 रुपये है। वायदा कारोबार में दिसंबर अनुबंध का भाव 10,700 रुपये क्विन्टल है। इंदौर का भाड़ा और मुनाफा जोड़कर यह 11,800 रुपये क्विन्टल बैठता है। इस प्रकार वायदा कारोबार में आयात भाव के मुकाबले कीमत 1,100 रुपये क्विन्टल कम यानी बेपड़ता है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हल्के तेलों की मांग बढ़ी है तथा उक्रेन में सूरजमुखी का उत्पादन कम होने से सोयाबीन डीगम की मांग विश्व स्तर पर बढ़ी है। हल्के तेलों की वैश्विक मांग बढ़ने से सूरजमुखी का भाव 1,180 डॉलर से बढ़कर 1,210 डॉलर प्रति टन हो गया है। ऊंचे दाम पर विदेशी तेलों की यहां खपत नहीं हो रही है। सूत्रों ने कहा कि आगे सरसों मांग और बढ़ेगी और इस बात को ध्यान में रखकर नाफेड और हाफेड बिकवाली के लिए लगाई जाने वाली सस्ती बोलियों को रद्द कर रही है। यह आगे की आने वाली मांग को देखते हुए हाफेड और नाफेड का समझदारी भरा कदम है। आगे भी इन सहकारी संस्थाओं को बहुत सोच समझकर बिकवाली करनी होगी।

वैश्विक स्तर पर सोयाबीन दाना की भी मांग बढ़ी है और इसका स्टॉक भी कम है जिसके कारण सोयाबीन दाना सहित इसके तेल कीमतों में पर्याप्त सुधार आया।

हरियाणा में नाफेड ने सरसों बिक्री के लिए बुधवार को लगाई गई सारी कम बोलियों (5,650 रुपये क्विन्टल) को निरस्त कर दिया। इसका कारण राजस्थान में 6,000 रुपये क्विन्टल की बोली लगाया जाना है। नाफेड और हाफेड का, हालात को देखते हुए कम भाव पर सरसों नहीं बेचने का इरादा लगता है।

तेल-तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,260 - 6,310 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,400- 5,450 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,095 - 2,155 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,875 - 2,025 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,995 - 2,105 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,500 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,150 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 10,500 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,400 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,000 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 10,800 रुपये।

पामोलीन कांडला- 9,900 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 4,475 - 4,525 लूज में 4,310 -- 4,340 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये।

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Web Title: Soybean oil oilseeds and cottonseed oil prices improve

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