सेबी ने प्रवर्तक को सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में पुनर्वर्गीकरण के लिये नियमों में ढील दी
By भाषा | Updated: March 25, 2021 21:19 IST2021-03-25T21:19:50+5:302021-03-25T21:19:50+5:30

सेबी ने प्रवर्तक को सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में पुनर्वर्गीकरण के लिये नियमों में ढील दी
नयी दिल्ली, 25 मार्च बाजार नियामक सेबी ने प्रवर्तकों को सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में पुनर्वर्गीकृम के लिये नियमों में ढील दी है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि सेबी के निदेशक मंडल ने प्रवर्तक/प्रवर्तक समूह इकाइयों के पुनर्वर्गीकरण से संबंधित मौजूदा रूपरेखा को युक्तिसंगत बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता के तहत स्वीकृत समाधान योजना के मामलों में पहले से उपलब्ध छूट के अनुरूप ही किसी अन्य कानून के तहत नियामकीय के आदेश के मामलों में भी इस तरह के पुनर्वर्गीकरण में वर्तमान शर्तों में छूट मिलेगी।
सेबी ने कहा कि उन मामलों में भी शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता से भी छूट प्रदान की गई है, जहां पुनर्वितरण की मांग करने वाले प्रवर्तक के पास एक प्रतिशत से कम की हिस्सेदारी है।
नियामक ने कहा, ‘‘यह छूट इस बात पर निर्भर करेगी कि निवर्तमान प्रवर्तक का पुनर्वर्गीकरण के इरादे के बारे में पेशकश पत्र या व्यवस्था योजना में खुलासा किया गया हो। साथ ही अन्य जरूरतों को पूरा करने पर निर्भर है, जिसमें बोर्ड का प्रतिनिधित्व नहीं करना, नियंत्रण में नहीं होना आदि शामिल हैं।’’
इसके अलावा, पुनर्वर्गीकरण अनुरोध पर विचार के लिये निदेशक मंडल की बैठक और शेयरधारकों की बैठक के बीच समय अंतर को भी कम करने का निणय किया गया है। इसके तहत इसे न्यूनतम एक महीना और अधिकतम तीन महीना किया गया है जो फिलहाल न्यूनतम तीन महीना और अधिकतम छह महीना है।
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