नयी दिल्ली, 30 मई दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि वह भारत की पेट्रोलियम उत्पादों की जरूरतें पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध है। सऊदी अरब ने यह आश्वासन ऐसे समय में दिया है जब भारत तेल की बढ़ती कीमतों का दबाव झेल रहा है और चाहता है कि तेल उत्पादक एवं निर्यातक देश कच्चे तेल के उत्पादन में की जा रही कटौती कम करें और तेल बाजार कुछ ठंडा हो।
भारत में सऊदी अरब के राजदूत डॉ सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में यह भी कहा कि उनके देश ने 2020 में भारत में 2.81 अरब डॉलर का निवेश किया और वह पेट्रोलियम, नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में विस्तार पर ध्यान दे रहा है।
उन्होंने कहा, "सऊदी अरब तेल और पेट्रोलियम उत्पादों से जुड़ी भारत की जरूरतों को पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध बना हुआ है और ऊर्जा क्षेत्र में हमारे बीच सहयोग बहुत अच्छा चल रहा है। ऊर्जा मंत्री शहजादा अब्दुलअजीज बिन सलमान और उनके (भारतीय) समकक्ष धर्मेंद्र प्रदान के बीच हालिया और मौजूदा चर्चाओं से सहयोग को और बील मिला है। "
अल सती ने भारत के ओपेक और उसके साथ के अन्य देशों से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के करार में ढील देने की मांग पर सऊदी अरब के रुख को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की।
ओपेक (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन) एक प्रभावशाली समूह है जो वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन से जुड़ी नीतियां तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है। ओपेक के साथ रूस और कई अन्य गैर ओपेक देश तेल उत्पादक देश भी जुड़े हैं।
तेल से हासिल होने वाले मुनाफे पर अर्थव्यवस्था की निर्भरता कम करने से जुड़े अपने देश के विजन 2030 के बारे में पूछे जाने पर सऊदी अरब के राजदूत ने कहा कि इसमें भारत और दूसरे रणनीतिक साझेदारों के साथ आर्थिक संबंधों का विस्तार करने की योजना शामिल है।
उन्होंने कहा, "सऊदी अरब में निवेश करने वाली और काम करने वाली भारतीय कंपनियों की संख्या बढ़ रही है। 2020 में भारतीय निवेशों के लिए 44 नए लाइसेंस जारी किए गए थे।"
अल सती ने कहा, "2.81 अरब डॉलर के निवेश के साथ 2020 में भारत में सऊदी अरब का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सबसे ज्यादा बढ़ा था।"
उन्होंने कहा, "अब जब हम (कोविड-19 के बीच) सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं और सभी क्षेत्रों में अपनी अर्थव्यवस्था खोल रहे हैं, हम अब तक हासिल हुई प्रगति को मजबूत करेंगे और खासकर नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में हमारे आर्थिक सहयोग एवं आपसी निवेश को बेहतर गति दी जाएगी।
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