रोटोमैक घोटाला: विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी को CBI कोर्ट ने 11 दिन की रिमांड पर भेजा
By भारती द्विवेदी | Published: February 24, 2018 04:22 PM2018-02-24T16:22:52+5:302018-02-24T17:27:06+5:30
रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी को विभिन्न बैंकों को 3600 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।
नई दिल्ली, 24 फरवरी: सीबीआई अदालत ने शनिवार को रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी को 11 दिन के रिमांड पर भेजा है। सीबीआई ने 22 फरवरी को रोटोमैक लोन घोटाले में विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी को गिरफ्तार किया था। कोठारी पिता-पुत्र पर 3,695 करोड़ रुपये के लोन के गबन का आरोप है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि रोटोमैक पेन के मालिक विक्रम कोठारी, पत्नी साधना, बेटे राहुल और अन्य निदेशकों ने बैंक से लोन लिया और उसे दूसरे मद में खर्च किया। बाद में बैंक ने इस राशि को एनपीए में डाल दिया। इससे पहले कोठारी और उनके परिवार के भारत छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।
#RotomacPens owner #VikramKothari and his son Rahul Kothari sent to 11 days CBI remand by Special CBI Court #Lucknowpic.twitter.com/ITmMguJJ4U
— ANI UP (@ANINewsUP) February 24, 2018
रोटोमैक के कंपनी के मालिक ने किसी भी तरह के घोटाले से इनकार किया है। विक्रम कोठारी ने देश की छोड़ने की अफवाहों का भी खंडन किया।
कैसे हुआ रोटोमैक घोटाला, इन बिंदुओं में समझिएः-
- विक्रम कोठारी ने 3,695 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 2008 से 2013 के बीच पब्लिक सेक्टर के बैंकों की मदद ली। इस दौरान कोठारी ने अपने विदेशी खरीदारों और सप्लायर्स को पेमेंट करने के लिए फॉरन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) का भी रास्ता अपनाया।
- रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 2008 से 2013 के बीच 'मध्यस्थ व्यापार' करने के लिए 15 करोड़ रुपये से 200 करोड़ रुपये की नियमित क्रेडिट रैंकिंग के लिए सात बैंकों का सहारा लिया।
- विक्रम कोठारी ने नियमित क्रेडिट रैंकिंग के लिए जिन सात बैंकों को चुना उनमें- इंडियन ओवरसीज़ बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल है।
- नियमित क्रेडिट रैंकिंग करने के लिए इन सात बैंको नें रोटोमैक को कुल 2 हजार 919 करोड़ रुपयों का कर्ज दिया। इस घोटाले में सबसे ज्यादा जिस बैंक को चपत लगी है उसमें 7 सौ 71 करोड़ रुपये का लोन देने वाला इंडियन ओवरसीज बैंक पहले पायदान पर है। वहीं बैंक ऑफ इंडिया का 7 सौ 54 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 459 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ोदा का 457 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक का 330 करोड़, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का 97 करोड़ और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का 50 करोड़ रुपये का कर्ज रोटोमैक प्राइवेट लिमिटेड के नाम से विक्रम कोठारी ने लिया।
- इन सात बैंको के कर्ज की कुल रकम 2 हजार 919 करोड़ रुपये है। पेनाल्टी के साथ इसके ब्याज की रकम 776 करोड़ रुपये है। यानी करीब 3 हजार 695 करोड़ रुपये का कर्ज विक्रम कोठारी पर बाकी है। मामले की जांच सीबीआई, आयकर विभाग और ईडी की टीम कर रही है। नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह विक्रम कोठारी देश से फरार न हो पाए इसलिए सीबीआई ने पहले ही उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है।