एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी जून तिमाही में रिकार्ड स्तर पर पहुंची
By भाषा | Updated: August 9, 2021 22:38 IST2021-08-09T22:38:08+5:302021-08-09T22:38:08+5:30

एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी जून तिमाही में रिकार्ड स्तर पर पहुंची
नयी दिल्ली, नौ अगस्त नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की मालिकाना स्थिति जून तिमाही में सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। इसका मुख्य कारण शेयर बाजार में उछाल और बड़ी संख्या में नये निर्गमों का आना है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
प्राइम डाटाबेस ग्रुप की पहल प्राइमइनफोबेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में 2 लाख रुपये तक का निवेश करने वाले खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी जून तिमाही में 7.18 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो मार्च तिमाही में 6.96 प्रतिशत थी।
मूल्य के संदर्भ में एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी आलोच्य तिमाही में बढ़कर 16.18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गयी जो माार्च 2021 को 13.94 लाख करोड़ रुपये थी। रिपोर्ट के मुताबिक आम निवेशक अब म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बजाय सीधे शेयर बाजार में निवेश को तरजीह देने लगा है।
इस दौरान बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में क्रमश: 6.01 प्रतिशत और 7.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
प्राइम डाटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, ‘‘शेयर बाजारों में तेजी और बड़ी संख्या में नये निर्गम (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम-आईपीओ) आने के साथ खुदरा बचत पूंजी बाजार में आयी है।’’
यह विश्लेषण एनएसई के मुख्य बोर्ड पर कुल 1,699 सूचीबद्ध कंपनियों में से 1,666 कंपनियों द्वारा 30 जून, 2021 को समाप्त तिमाही के लिये शेयरहोल्डिंग के बारे में दी गयी जानकारी पर आधारित है। 31 जुलाई तक 33 कंपनियों को अपने शेयरहोल्डिंग प्रतिरूप के बारे में जानकारी देनी थी।
हालांकि, एनएसई में सूचीबद्ध घरेलू म्यूचुअल फंड की कंपनियों में हिस्सेदारी जून 2021 को मामूली रूप से घटकर 7.25 प्रतिशत पर आ गयी जो मार्च 2021 को 7.26 प्रतिशत थी।
हल्दिया के अनुसार यह लगातार पांचवीं तिमाही है जब म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी घटी है। इससे पहले लगातार 24 तिमाहियों तक यह बढ़ी थी। मार्च 2014 में यह 2.80 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2020 में 7.96 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी।
उन्होंने कहा कि यह रुख बताता है कि व्यक्तिगत निवेशक अब म्यूचुअल फंड के बजाए सीधे शेयर बाजार में निवेश को तरजीह दे रहे हैं।
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