Reserve Bank of India: बैंक सतर्क रहे और दबाव मुक्त काम करें, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- कर्ज मानदंडों को कड़ा करना जरूरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 22, 2023 01:26 PM2023-11-22T13:26:41+5:302023-11-22T13:27:24+5:30
Reserve Bank of India: बैंक व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के मकसद से सोच-समझकर लिया गया एहतियाती और लक्षित कदम है।
![Reserve Bank of India RBI Governor Shaktikanta Das said Banks should be cautious and work without pressure it is necessary to tighten loan norms Tightening norms for loans considered unsecured in interest of banking system | Reserve Bank of India: बैंक सतर्क रहे और दबाव मुक्त काम करें, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- कर्ज मानदंडों को कड़ा करना जरूरी Reserve Bank of India RBI Governor Shaktikanta Das said Banks should be cautious and work without pressure it is necessary to tighten loan norms Tightening norms for loans considered unsecured in interest of banking system | Reserve Bank of India: बैंक सतर्क रहे और दबाव मुक्त काम करें, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- कर्ज मानदंडों को कड़ा करना जरूरी](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/shaktikant-_20181264614.jpg)
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Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि हाल ही में असुरक्षित माने जाने वाले कुछ कर्ज के मानदंडों को कड़ा करना बैंक व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के मकसद से सोच-समझकर लिया गया एहतियाती और लक्षित कदम है।
दास ने उद्योग मंडल फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) और भारतीय बैंक संघ के संयुक्त रूप से आयोजित सालाना एफआई-बीएसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आरबीआई ने गृह और वाहन खरीद के अलावा छोटे कारोबारियों द्वारा लिये जाने वाले कर्जों को इससे अलग रखा है।
इसका कारण उन्हें वृद्धि के मोर्चे पर जो लाभ हो रहा है, उसे बनाये रखना है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने हाल ही में व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने को ध्यान में रखकर सोच-विचारकर कुछ उपायों की भी घोषणा की है। ये उपाय एहतियाती हैं। ये उपाए सोच-विचारकर और लक्ष्य के हिसाब से किये गये हैं।’’
दास ने यह भी कहा कि उन्हें फिलहाल बैंकों में कोई नया दबाव उत्पन्न होता नहीं दिख रहा है, लेकिन वे चाहते हैं कि बैंक सतर्क रहे और दबाव परीक्षण जारी रखे। उन्होंने कहा कि कुछ गैर-बैंक वित्त कंपनियां-सूक्ष्म वित्त संस्थान (एनबीएफसी-एमएफआई) उच्च ब्याज मार्जिन की सूचना दे रहे हैं।
आरबीआई ने उन्हें विवेकपूर्ण तरीके से दरों को निर्धारित करने में लचीला रुख अपनाने को कहा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हालांकि हेडलाइन (कुल) मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत हैं, पर केंद्रीय बैंक कीमत वृद्धि पर पैनी नजर रखे हुए है।
रुपये का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल के बढ़ने के बावजूद घरेलू मुद्रा में उतार-चढ़ाव कम रहा है और वह व्यवस्थित था। दास ने निरंतर उच्च वृद्धि, मूल्य को टिकाऊ रूप से स्थिर करने और कीमत वृद्धि के झटके को कम करने के लिये कृषि विपणन तथा संबंधित मूल्य श्रृंखलाओं में सुधारों की भी वकालत की।