आवास, कार समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज में बदलाव नहीं?, 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रेपो दर, जानें मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 6, 2025 11:17 IST2025-08-06T11:08:37+5:302025-08-06T11:17:18+5:30

Repo Rate: जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गयी थी।

Repo Rate No change in interest retail loans including housing and vehicle Repo rate remains at 5-5 percent, know main points | आवास, कार समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज में बदलाव नहीं?, 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रेपो दर, जानें मुख्य बातें

Repo Rate

Highlightsएमपीसी ने नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है।सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया गया है।

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को मौजूदा परिस्थितियों पर गौर करते हुए प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर कायम रखने का निर्णय किया। इसके साथ ही आरबीआई ने मौद्रिक नीति रुख को भी तटस्थ बनाये रखा है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर लचीला बना रहेगा। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। रेपो दर के यथावत रहने से आवास, वाहन समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज में बदलाव होने की संभावना नहीं है।

   

Repo Rate: जानिए मुख्य बातें-

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 3.1 प्रतिशत किया। जून में इसके 3.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर यथावत रखा।

मौद्रिक नीति समिति ने मौजूदा स्थितियों पर विचार करते हुए रेपो दर में बदलाव नहीं किया।

मानसून अच्छी प्रगति कर रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने ‘तटस्थ’ रुख कायम रखने का फैसला किया।

चालू खाते के घाटे के टिकाऊ स्तर पर रहने का अनुमान।

बैंकिंग प्रणाली में नकदी अधिशेष।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजी पर्याप्तता और नकदी से संबंधित वित्तीय मानदंड बेहतर बने हुए हैं।

भारतीय नागरिकों का हित और कल्याण हमारी शीर्ष प्राथमिकता।

औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि सुस्त और असमतल।

मुख्य मुद्रास्फीति उम्मीद के मुताबिक चार प्रतिशत पर स्थिर रही।

रेपो दर में एक प्रतिशत कटौती का प्रभाव अभी पूरी तरह नहीं दिखा है।

आरबीआई बैंक लॉकर में रखी वस्तुओं के संबंध में दावा निपटान को मानकीकृत करेगा।

चुनौतीपूर्ण बाह्य परिवेश के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मूल्य स्थिरता के साथ स्थिर वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। जोखिम दोनों ओर संतुलित और भू-राजनीतिक तनाव बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं।

इससे पहले, केंद्रीय बैंक इस साल फरवरी से अबतक रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इस साल जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गयी थी। वहीं फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कमी की गयी थी। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है।’’

 

आरबीआई ने 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि पहले इसके 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। 

Web Title: Repo Rate No change in interest retail loans including housing and vehicle Repo rate remains at 5-5 percent, know main points

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