RBI MPC Meet: आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर सात प्रतिशत किया, यहां जानें मौद्रिक समीक्षा की 13 मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 8, 2023 12:39 PM2023-12-08T12:39:01+5:302023-12-08T12:39:35+5:30

RBI MPC Meet: आरबीआई ने कहा कि सार्वजनिक व्यय में वृद्धि, विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता का औसत से अधिक उपयोग तथा घरेलू मांग से जीडीपी वृद्धि को गति मिलेगी।

RBI MPC Meet Economic growth rate estimate increased to 7 percent, know here 13 main points of monetary review Highlights of RBI's monetary review meeting | RBI MPC Meet: आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर सात प्रतिशत किया, यहां जानें मौद्रिक समीक्षा की 13 मुख्य बातें

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Highlightsचालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी।मार्च तिमाही में वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत थी।दिसंबर तिमाही में 6.5 प्रतिशत और मार्च तिमाही में छह प्रतिशत रहने का अनुमान है।

 

 

 

 

 

RBI MPC Meet: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव हालांकि वृद्धि दर के परिदृश्य के लिए जोखिम है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने लगातार पांचवीं बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया।

भारतीय रिजर्व बैंक की शुक्रवार को पेश मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

* आरबीआई ने रेपो दर को लगातार पांचवीं बार 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा।

*अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को भुगतान के लिए यूपीआई लेनदेन की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव।

* चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत किया गया।

* दिसंबर, मार्च तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत, छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान।

* 2023-24 के लिए औसत खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया।

* मुद्रास्फीति का अनुमान अनिश्चित खाद्य कीमतों से काफी प्रभावित।

* सब्जियों की कीमतों में रुक-रुक कर होने वाले झटके एक बार फिर नवंबर और दिसंबर में कुल मुद्रास्फीति को बढ़ा सकते हैं।

* रुपये में 2023 में अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं की तुलना में कम उतार-चढ़ाव।

* एक दिसंबर को विदेशी मुद्रा भंडार 604 अरब डॉलर था।

* केंद्रीय बैंक सतर्क और परिस्थितियों के अनुरूप कदम उठाने को तैयार।

* भारत कई अन्य देशों की तुलना में अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में।

* प्रस्तावित आवर्ती भुगतान के लिए कुछ श्रेणियों में स्वत: पैसा कटने की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव।

* आरबीआई डेटा सुरक्षा, निजता को वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा स्थापित करेगा।

* अगली मौद्रिक नीति समिति बैठक 6-8 फरवरी, 2024 को होगी।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि अगले वित्त वर्ष की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर क्रमश: 6.7 प्रतिशत, 6.5 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारतीय अर्थव्यवस्था मार्च, 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि चालू वित्त वर्ष की जून और सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर क्रमश: 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रही थी।

केंद्रीय बैंक का अनुमान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के अनुमान से कहीं अधिक है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्वबैंक और रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी हैं। जबकि एस एंड पी ने वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद जतायी हुई है।

Web Title: RBI MPC Meet Economic growth rate estimate increased to 7 percent, know here 13 main points of monetary review Highlights of RBI's monetary review meeting

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