RBI Monetary Policy Live Updates: आपकी ईएमआई अभी कम नहीं होगी, फिर नहीं मिली कोई राहत, गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा- रेपो रेट में 6.5 प्रतिशत पर कायम

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 5, 2024 10:27 AM2024-04-05T10:27:56+5:302024-04-05T10:43:47+5:30

RBI Monetary Policy Live Updates: मौद्रिक नीति फैसलों पर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ''रिजर्व बैंक ने पॉलिसी रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया है।''

RBI Monetary Policy Live Updates Shaktikanta Das-led MPC keeps repo rate unchanged at 6-5% GDP growth seen at 7%, your EMIs won’t come down right now | RBI Monetary Policy Live Updates: आपकी ईएमआई अभी कम नहीं होगी, फिर नहीं मिली कोई राहत, गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा- रेपो रेट में 6.5 प्रतिशत पर कायम

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Highlightsएमपीसी उदार रुख को वापस लेने के फैसले पर कायम है। जीडीपी ग्रोथ 7% पर है।आपकी ईएमआई अभी कम नहीं होगी। 

RBI Monetary Policy Live Updates: नए वित्त साल  में EMI में फिर नहीं मिली कोई राहत है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा कि रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। आरबीआई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों से निपटने और जरूरी कदम उठाने के लिए बेहतर स्थिति में है। एमपीसी उदार रुख को वापस लेने के फैसले पर कायम है। जीडीपी ग्रोथ 7% पर है और आपकी ईएमआई अभी कम नहीं होगी। दास ने कहा, "...स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% पर बनी हुई है और सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 6.75% पर बनी हुई है।"

अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों ने कहा था कि आरबीआई रेपो दर को अपरिवर्तित रखेगा। भारतीय रिजर्व बैंक और मौद्रिक नीति समिति प्रमुख रेपो दर पर निर्णय लेने के लिए आमतौर पर दो महीने में एक बार बैठक करते हैं। रेपो दर महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है। यह प्रणाली में तरलता का एक प्रमुख निर्णायक है।

महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है। यह लगातार सातवां मौका है जबकि रेपो दर में बदलाव नहीं किया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।

वहीं खुदरा मुद्रास्फीति के 2024-25 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है।

रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने मौजूदा स्थिति पर गौर करते हुए नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि इसके साथ एमपीसी सदस्यों ने लक्ष्य के अनुरूप खुदरा महंगाई को लाने के लिए उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय को भी कायम रखने का फैसला किया है।

आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। उससे पहले मई, 2022 से लगातार छह बार में नीतिगत दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी।

Web Title: RBI Monetary Policy Live Updates Shaktikanta Das-led MPC keeps repo rate unchanged at 6-5% GDP growth seen at 7%, your EMIs won’t come down right now

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