रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर बरकरार, गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- जोखिम समान रूप से संतुलित
By मनाली रस्तोगी | Published: October 6, 2023 10:47 AM2023-10-06T10:47:33+5:302023-10-06T10:47:51+5:30
अपने संबोधन में दास ने यह भी कहा कि तंग वित्तीय स्थितियों, लंबे समय तक चले भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ते भू-आर्थिक विखंडन के प्रभाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है।
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की। आरबीआई ने यथास्थिति बरकरार रखी और रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा। यह चौथी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
दास ने कहा, "उभरते व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास और दृष्टिकोण के विस्तृत मूल्यांकन के बाद आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीति रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया।" दास की घोषणा आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 4 से 6 अक्टूबर तक हुई बैठक के बाद आई।
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says, "Taking all factors into consideration, Real GDP Growth for the current financial year 2023-24 is projected at 6.5%...The risks are evenly balanced. Real GDP Growth for the first quarter of next financial year 2024-25 is projected at… pic.twitter.com/OXyJ2y9I2C
— ANI (@ANI) October 6, 2023
उन्होंने कहा कि 2023-24 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, दूसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत। गवर्नर ने बताया, "जोखिम समान रूप से संतुलित हैं।"
शक्तिकांत दास ने कहा, "टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों के कारण जुलाई में सकल मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई थी। अगस्त में इसमें आंशिक रूप से सुधार हुआ और इन कीमतों में नरमी के कारण सितंबर में इसमें और कमी आने की उम्मीद है।"
VIDEO | "The global economy is slowing under the impact of tight financial conditions, protracted geopolitical tensions and increasing geo-economic fragmentation. Global trade is contracting, headline inflation is easing but rules above the target in major economies," says says… pic.twitter.com/Q44JaNSa5s
— Press Trust of India (@PTI_News) October 6, 2023
अपने संबोधन में दास ने यह भी कहा कि तंग वित्तीय स्थितियों, लंबे समय तक चले भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ते भू-आर्थिक विखंडन के प्रभाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है।
उन्होंने कहा, "वैश्विक व्यापार सिकुड़ रहा है, मुख्य मुद्रास्फीति कम हो रही है लेकिन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में यह लक्ष्य से ऊपर है।" वैश्विक रुझानों के विपरीत दास ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधियों ने मजबूत मांग के कारण लचीलापन प्रदर्शित किया है। गवर्नर ने कहा, "इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही यानी 2023-24 में कृषि गतिविधियों में गति बरकरार रही है।"