मुंबई, 26 नवंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सभी हितधारकों को विदेशी मुद्रा ऋण पर ब्याज के लिए लिबोर की जगह अन्य मानकों को अपनाने की प्रक्रिया सहज ढंग से सुनिश्चित करने का परामर्श दिया।
अभी ऐसे अधिकांश कार्जों पर ब्याज तय करते समय उसकी तुलना लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट (लिबोर) से की जाती है। लिबोर कर्ज पर ब्याज का एक वैश्विक मानक है।लिबोर को अगले साल के अंत समाप्त करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) इस संबंध में सभी बाजार हिस्सेदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। ताकि वैकल्पिक मानकों पर स्थानांतरण के साथ-साथ ग्राहकों को भी जागरुक बनाया जा सके।
दास भारतीय विदेशी मुद्रा डीलर संघ (फेडाई) के सालाना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
लिबोर को समाप्त करने की योजना को देखते हुए रिजर्व बैंक इसकी जगह मुंबई अंतर-बैंक वायदा कारोबार की खड़ी दर (मिफोर) को एक मानक के रूप में स्थापित करने पर काम कर रहा है।
भारत के पास लिबोर आधारित 331 अरब डॉलर के ऋण, बांड, जमा और डेरेविटिव सौदे हैं।
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