Punjab National Bank:जानबूझकर नहीं चुकाए कर्ज, 1800 से अधिक निकायों पर 37,020 करोड़ बकाया, गीतांजलि, नक्षत्र सहित कई कंपनियां
By भाषा | Published: August 12, 2020 09:49 PM2020-08-12T21:49:43+5:302020-08-12T21:49:43+5:30
पहले स्थान पर मेहुल चोकसी प्रवर्तित गीतांजलि जेम्स लिमिटेड है, जिसके ऊपर 5,064.84 करोड़ रुपये बकाया है। गीतांजलि समूह की ही कंपनियों गिली इंडिया और नक्षत्र ब्रांड्स के ऊपर बैंक का क्रमश: 1,447 करोड़ रुपये और 1,109 करोड़ रुपये बकाया है।
नई दिल्लीः कर्ज की किस्तें चुकाने में जानबूझकर चूक करने वाले करी 18 सौ से अधिक निकायों के ऊपर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।
कर्ज न चुकाने वाली इन इकाइयों में विनसम डायमंड एंड ज्वैलरी, गीतांजलि जेम्स और एबीजी शिपयार्ड आदि शामिल हैं। पीएनबी की वेबसाइट पर डाली गयी जानकारियों के अनुसार, जून महीने के अंत तक कर्ज नहीं चुका रहे ऐसे 1,787 के ऊपर 37,020.27 करोड़ रुपये बकाये हैं।
इस सूची में 25 लाख रुपये या इससे अधिक के बकायेदार हैं। इस सूचीमें पहले स्थान पर मेहुल चोकसी प्रवर्तित गीतांजलि जेम्स लिमिटेड है, जिसके ऊपर 5,064.84 करोड़ रुपये बकाया है। गीतांजलि समूह की ही कंपनियों गिली इंडिया और नक्षत्र ब्रांड्स के ऊपर बैंक का क्रमश: 1,447 करोड़ रुपये और 1,109 करोड़ रुपये बकाया है।
सूची के अनुसार, जतिन मेहता प्रवर्तित विनसम डायमंड एंड ज्वैलरी लिमिटेड पर बैंक का 1,036.85 करोड़ रुपये का बकाया है, जबकि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के ऊपर बकाया 1,193.37 करोड़ रुपये है। इनके अलावा चंडीगढ़ स्थित रसायन निर्माता कंपनी कुडोस केमी लिमिटेड उन कंपनियों में शामिल है, जिनके ऊपर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक बाकी है।
इस कंपनी के ऊपर पीएनबी का 1,418 करोड़ रुपये का बकाया है। ऐसेअन्य बड़े डिफॉल्टरों में विजय माल्या प्रवर्तित किंगफिशर एयरलाइंस पर 522.48 करोड़ रुपये, जूम डेवलपर्स पर 702 करोड़ रुपये, जस इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड पावर लिमिटेड पर 453.96 करोड़ रुपये और स्टर्लिंग ग्लोबल ऑयल रिसोर्सेज लिमिटेड के ऊपर 755 करोड़ रुपये बकाया हैं।
इन सभी कंपनियों को पीएनबी ने बैंकों के एक समूह के तहत कर्ज दिया था। मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में बैंक की सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) कुल वितरित कर्ज के मार्च 2019 में 15.50 प्रतिशत के मुकाबले कम होकर 14.21 प्रतिशत पर आ गयीं। शुद्ध एनपीए भी इस दौरान 6.56 प्रतिशत से कम होकर 5.78 प्रतिशत पर आ गयीं।
आंकड़ों के हिसाब से इस दौरान सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए कम होकर क्रमश: 73,478.76 करोड़ रुपये और 27,218.89 करोड़ रुपये पर आ गयीं। परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के परिणामस्वरूप एनपीए को लेकर किया जाने वाला प्रावधान साल भर पहले के 9,153.55 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग आधा होकर 4,618.27 करोड़ रुपये पर आ गया।