खाद्य तेल बाजार में भाव स्थिर, आयात शुल्क मूल्य को लेकर बाजार में भ्रम की स्थिति

By भाषा | Published: November 9, 2020 07:44 PM2020-11-09T19:44:12+5:302020-11-09T19:44:12+5:30

Prices in edible oil market stable, confusion in market regarding import duty price | खाद्य तेल बाजार में भाव स्थिर, आयात शुल्क मूल्य को लेकर बाजार में भ्रम की स्थिति

खाद्य तेल बाजार में भाव स्थिर, आयात शुल्क मूल्य को लेकर बाजार में भ्रम की स्थिति

नयी दिल्ली, नौ नवंबर विदेशों में खाद्य तेल के दाम में सीमित घटबढ़ के बीच स्थानीय तेल तिलहन बाजार में खाद्य तेलों के दाम गत सप्ताहांत के स्तर पर ही बने रहे। मूंगफली, सोयाबीन और सरसों तेल के दाम में सोमवार को कोई बदलाव नहीं देखा गया। बहरहाल नवंबर के पहले पखवाड़े के लिये तय किये गये आयात शुल्क मूल्य को लेकर बाजार में भ्रम की स्थिति रही।

बाजार सूत्रों का कहना है कि मलेशिया में पॉम तेल 1.4 प्रतिशत ऊंचा रहा जबकि शिकागो में सोयोबीन डीगम में कोई बदलाव नहीं दिखा। इस सीमित घटबढ़ के बीच घरेलू बाजार में भी स्थिति पूर्ववत रही। हालांकि, घरेलू बाजार में वायदा कारोबार में जो भाव बोले जा रहे हैं उसको लेकर कारोबारी अचरज जता रहे हैं। उनके मुताबिक कच्चे पॉम तेल का भाव आयात, मुनाफा आदि लगाकर भारतीय बंदरगाह पर 9,400 रुपये क्विंटल पड़ता है लेकिन वायदा बाजार में नवंबर वायदा 8,800 रुपये और दिसंबर वायदा 8,700 रुपये क्विंटल बोला जा रहा है।

बाजार के जानकारों का कहना है कि सरकार को इस स्थिति को समझना चाहिये कि जब विदेशों से आयात पहुंच का दाम ऊंचा है तो फिर वायदा कारोबार में यह नीचे कैसे हो सकता है। और यदि वायदा में यह सस्ते में उपलब्ध है तो फिर उपभोक्ता को भी इसका लाभ मिलना चाहिये। यही स्थिति सरसों के मामले में भी है। जयपुर में सरसों 6,275 रुपये क्विंटल पर बोला गया जबकि वायदा कारोबार हाजिर में यह 6,115 रुपये क्विंटल बोला जा रहा है। इस लिहाज से उपभोक्ता और उद्योग के हित में सरकार को वायदा कारोबार बंद कर देना चाहिये। जानकारों की राय है कि नैफेड को वायदा कारोबार की घटबढ़ को देखते हुये अपना स्टॉक नहीं निकालना चाहिये।

यही स्थिति आयात शुल्क मूल्य को लेकर देखी गई है। नवंबर के पहले पखवाड़े के लिये सोयाबीन डीगम का आयात शुल्क मूल्य 890 डालर से बढ़ाकर 948 डालर प्रति टन कर दिया गया जिससे आयातकों को भारी नुकसान हुआ। वहीं दूसरी तरफ कच्चे पॉम तेल का शुल्क मूल्य 810 से घटाकर 782 डालर प्रतिटन कर दिया गया। जानकारों के मुताबिक इससे मलेशिया को फायदा हुआ जबकि भारत को राजस्व का नुकसान हुआ। सरकार के विभाग द्वारा ये दाम किस आधार पर तय किये गये उद्योग जगत में इसको लेकर भ्रम की स्थिति है। इसके परिणामस्वरूप कांडला बंदरगाह पर तेलों का स्टाक भी घट गया। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिये।

तेल-तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,225 - 6,275 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,250- 5,300 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,000 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,035 - 2,095 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,865 - 2,015 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,985 - 2,095 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,750 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,500 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 9,650 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,750 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,400 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 10,100 रुपये।

पामोलीन कांडला- 9,300 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 4,300 - 4,360 लूज में 4,180 -- 4,210 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये।

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