मुंबई, 18 फरवरी: सीबीआई द्वारा शनिवार को पीएनबी घोटाले में गिरफ्तार किए गए पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने पूछताछ के दौरान कबूल किया है कि उसे एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करने के बदले रिश्वत मिलती थी। इसके साथ उसने कहा कि एलओयू के अमाउंट के आधार पर परसेंटेज भी फिक्स था।
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी हेमंत भट पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था। भट और कविता मानकिकर नीरव मोदी की कंपनियों की तरफ से खाता खोलने के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता थे। इसके साथ ही हेमंत भट, नीरव मोदी की 15 से 16 कंपनियों में डायरेक्टर भी है। शनिवार देर रात तक सीबीआई ने गिरफ्तार हुए तीनों आरोपियों से पूछताछ की।
इसी आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। पूछताछ के दौरान शेट्टी ने अन्य बैंक अधिकारियों के शामिल होने की भी बात कही। इसके बाद ही सीबीआई ने इन अधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारी में है। सीबीआई तीनों को मुंबई में पीएनबी की ब्रैंडी हाउस ब्रांच में लेकर गई।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ 11300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में सीबीआई ने शनिवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इन तीनों को 14 दिन की सीबीआई रिमांड में दिया गया है। जिसमे पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्ठी, मनोज खरात (पूर्व पीएनबी अधिकारी) और हेमंत भट्ट शामिल हैं।
इसके बाद ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को देशभर में 21 जगहों पर छापेमारी कर 25 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। ईडी के प्रवक्ता अनिल रावल ने आईएएनएस को बताया था, "ईडी ने नीरव मोदी मामले में देशभर में 21 जगहों की तलाशी ली और 25 करोड़ रुपये मूल्य के हीरा, सोना, कीमती पत्थर और जेवरात जब्त किए। अब तक इस मामले में 5,674 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी है।"