पंजाब नेशनल बैंक (PNB)घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी की जमानत याचिका पर लंदन की एक कोर्ट में सुनवाई चल रही है। नीरव मोदी ने लंदन के रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में ट्रायल से पहले जमानत की अर्जी दी है। रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में मामले की सुनवाई जारी है। नीरव मोदी की यह चौथी जमानत याचिका है। हालांकि हाईकोर्ट में यह उसकी पहली जमानत याचिका है। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट तीन बार नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकील क्लैर ने दलील दी है कि नीरव मोदी पेशे से बिजनेसमैन हैं, ना कि कोई पेशेवर अपराधी। इनका हीरों का बिजनेस है और इसमें वो काफी ईमानदार और विश्वसनीय माने जाते हैं। लेकिन नीरव मोदी के खिलाफ भारत सरकार जिस तरह के दावे कर रही है वो सही नहीं है। नीरव मोदी के वकील का यह भी कहना है कि नीरव मोदी ने गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं किया है।
लंदन में भारत सरकार के तरफ से नीरव मोदी केस में पैरवी कर रही क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा है, अगर प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के दौरान नीरव को बेल दी जाती है तो कोई बात नहीं है, लेकिन अगर अभी बेल दी गई तो यह सही नहीं होगा। नीरव के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी को 27 जून तक की हिरासत में भेज दिया है। अदालत ने भारत सरकार को 14 दिनों के भीतर यह बताने को कहा था कि यदि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण किया गया तो उसे किस जेल में रखा जाएगा। नीरव मोदी को केंद्रीय लंदन में स्थित मेट्रो बैंक की एक शाखा के प्रत्यर्पण वारंट पर स्कॉटलैंड यार्ड ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह तब से जेल में ही है।
नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के साथ तकरीबन दो अरब डॉलर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी है। 31 जनवरी 2018 को इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद सीबीआई ने नीरव की तलाश शुरू की थी। लेकिन काफी दिनों बाद पता चला कि वो लंदन में छिपे हुए हैं। नीरव ने मुकदमा दर्ज होने से पहले ही दिसंबर 2017 में भारत से चले गए थे।