पीएलआई योजना समय पर उठाया गया परिवर्तनकारी कदम: उद्योग जगत
By भाषा | Published: November 11, 2020 10:36 PM2020-11-11T22:36:57+5:302020-11-11T22:36:57+5:30
नयी दिल्ली, 11 नवंबर उद्योग जगत और विशेषज्ञों ने बुधवार को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को 10 अन्य क्षेत्रों पर लागू करने के सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि यह समय पर उठाया गया परिवर्तनकारी कदम है जिससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये बुधवार को दूरसंचार, वाहन और औषधि समेत 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी। इन योजनाओं पर अगले पांच साल के दौरान 1,45,980 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा। इससे पहले, 51,311 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी जा चुकी है।
उद्योग मंडल सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा, ‘‘नई पीएलआई नीति एक परिवर्तनकारी और समय पर उठाया गया कदम है। यह भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने में मददगार होगी। नीति रणनीतिक रूप से लक्षित है और उत्पादन बढ़ाने, भारतीय वस्तुओं को प्रतिस्पर्धी बनाने तथा निर्यात का दायरा बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।’’
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि पीएलआई योजना पहले से लागू है और अब भारत को वैóश्विक विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में आत्मनिर्भर बनाने के लिये इसका दायरा बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि 2 लाख करोड़ रुपये की इस योजना से आर्थिक गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा और वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, खाद्य उत्पाद तथा दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे। औषधि, रसायन, सौर उपरकण जैसे क्षेत्रों में पीएलआई योजना से शोध और विकास को नई गति मिलेगी।
उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि सरकार के इस कदम से विनिर्माण क्षेत्र को गति मिलेगी।
फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, ‘‘जिन क्षेत्रों को पीएलआई योजना के दायरे में रखा गया है, वे रणनीतिक, प्रौद्योगिकी गहन और देश में रोजगार के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं।’’
कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि योजना से निर्यात, निवेश, घरेलू क्षमता और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
डेलॉयट इंडिया के भागीदार अरिंदम गुहा ने कहा कि पीएलआई योजना सरकार के नजर से काफी प्रभावी है। यह बड़े निवेशकों को ध्यान में रखकर लाया गया है जो पुरानी या नवीन परियोजनाओं के लिये शुरूआती निवेश जुटाने में सक्षम हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।