PNB घोटाला: नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने "मोदी राज" में ही बैंकों को लगाया ज्यादातर चूना
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 17, 2018 08:25 AM2018-02-17T08:25:11+5:302018-02-17T09:19:26+5:30
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पहले ही देश छोड़ चुके हैं। दोनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी की गई है।
पंजाब नेशनल बैंक (पीईबी) के साथ 11300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में मामले में सीबीआई द्वारा नीरव मोदी और मेहुल चौकसी इत्यादि के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार आरोपी काराबोरियों ने ज्यादा पैसा वित्त वर्ष 2017-18 में गबन किया। पीएनबी के अनुसार इन कारोबारियों ने लेटर्स ऑफ अंडरस्टैडिंग (एलओयू) के माध्यम से विभिन्न बैंकों को 11300 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।
सीबीआई ने गुरुवार (15 फ़रवरी) को मेहुल चौकसी के खिलाफ ताजा एफआईआर दर्ज की। मेहुल चौकसी नीरव मोदी के मामा लगते हैं। मेहुल चौकसी से जुड़ी तीन कंपनियों पर पीएनबी को 143 एलओयूकी मदद से 4886.72 करोड़ रुपये चूना लगाने का आरोप है। सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी एवं अन्य के खिलाफ आठ एलओयू के जरिए 280.70 करोड़ रुपये की जालसाजी का आरोप है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नीरव मोदी ने जिन एलओयू के जरिेए बैंक को चूना लगाया वो साल 2017 में ही जारी किए गये थे। पीएनबी ने नीरव मोदी मामले में बुधवार (14 फ़रवरी) को कहा कि उसे अब 6498 करोड़ रुपये की जालसाजी किए जाने की आशंका है। इस तरह दोनों मामलों में बैंक को कुल 11300 करोड़ रुपये का चूना लगा है।
ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर की थी 'मेहुल भाई' की मेजबानी
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पहले ही देश छोड़ चुके हैं। दोनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी की गई है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (16 फ़रवरी) को नीरव मौदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट चार हफ्ते के लिए रद्द कर दिया। दोनों को एक हफ्तें में विदेश मंत्रालय को जवाब देने के लिए कहा गया है ताकि उनका पासपोर्ट हमेशा के लिए न रद्द किया जाए।
इंडियन एक्सप्रेस ने सीबीआई के सूत्रों के हवाले से कहा है कि नीरव मोदी और उनके रिश्तेदार बैंकों को पुराने एलओयू की जगह नए एलओयू जारी करवा कर चूना लगाते रहे। रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों ने साल 2017 में अपने कई पुराने एलओयू को दोबारा जारी करवाया। सीबीआई ने शुक्रवार को पीएनबी के चार अधिकारियों से पूछताछ की।
पीएनबी ने अपने 18 अधिकारियों को घोटाले में शामिल होने के शक में निलंबित किया है। जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनमें जनरल मैनेजर स्तर के भी अधिकारी शामिल हैं। सीबीआई जिन लोगों से पूछताछ कर रही है उनमें से ज्यादातर से नीरव मोदी एवं अन्य को साल 2014 से 2017 की मदद करने के बारे में पूछताछ कर रही है।