पीएचडी चैंबर ने तीन स्तरीय जीएसटी ढांचा की वकालत की
By भाषा | Updated: August 4, 2021 19:57 IST2021-08-04T19:57:18+5:302021-08-04T19:57:18+5:30

पीएचडी चैंबर ने तीन स्तरीय जीएसटी ढांचा की वकालत की
नयी दिल्ली, चार अगस्त उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने खपत को बढ़ावा देने और कर चोरी पर लगाम लगाने के लिये बुधवार को 18 प्रतिशत उच्च दर के साथ जीएसटी शुल्क ढांचा तीन स्तरीय करने की मांग की।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत फिलहाल चार दरों वाली संरचना है। इसके तहत आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी से छूट है जबकि कुछ सामानों पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। वहीं उच्चतम दर 28 प्रतिशत है। कर के अन्य स्लैब 12 और 18 प्रतिशत हैं। इसके अलावा, सोना, चांदी और तराशे गये हीरे पर तीन प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि एक आदर्श जीएसटी ढांचे में दो से तीन स्लैब होने चाहिए।
उन्होंने कहा, "हमारा सुझाव है कि पांच प्रतिशत की न्यूनतम दर, 12 प्रतिशत की मध्यम दर, 12 और 18 प्रतिशत की श्रेणी को मिलाकर तथा केवल विलासिता और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं के लिए उच्चतम दर 18 प्रतिशत जीएसटी होना चाहिए।’’
उद्योग मंडल ने कहा कि दरों को युक्तिसंगत बनाने से खपत और कर राजस्व में वृद्धि होगी, अनुपालन बोझ कम होगा, कर चोरी कम होगी तथा जीएसटी को अच्छा एवं सरल कर बनाने में मदद मिलेगी। कर मामलों से संबंधित मुकदमेबाजी को कम करने के लिए एक सरल कर व्यवस्था समय की जरूरत है।
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